राष्ट्रीय

Prajatantra: भाजपा को पवन कल्याण की जरूरत क्यों…

तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार लगातार जारी है 30 नवंबर को राज्य में वोट डाले जाएंगे उससे पहले सियासी दल प्रचार में अपना दम दिखा रहे हैं इन सब के बीच बीजेपी और पवन कल्याण की पार्टी जनसेना राज्य में एक साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है दोनों दलों ने एक साथ चुनाव लड़ने की बात कही है और जल्द ही सीट बंटवारे पर भी सहमति बन जाएगी पवन कल्याण ने स्पष्ट रूप से बोला है कि दोनों पर्टियों का लक्ष्य नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाने का है इसके साथ ही उन्होंने बोला कि हम लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी के साथ है

भाजपा को पवन कल्याण की आवश्यकता क्यों?

वर्तमान में देखें तो बीजेपी दक्षिण हिंदुस्तान में अपनी स्थिति को मजबूत करने की प्रयास में जुटी हुई है हालांकि, कर्नाटक चुनाव में हार के बाद से तेलंगाना में पार्टी की स्थिति थोड़ी कमजोर हुई है तेलंगाना में बीजेपी हिंदुस्तान देश समिति और कांग्रेस पार्टी के बाद तीसरे नंबर की पार्टी है पार्टी को लगता है कि क्षेत्रीय और मशहूर चेहरे को लेकर वह राज्य में स्वयं के लिए स्थिति मजबूत कर सकती है इसमें पवन कल्याण एक बड़ी किरदार निभा सकते हैं पवन कल्याण दक्षिण हिंदुस्तान के सुपरस्टार हैं और युवाओं में बहुत लोकप्रिय भी है बीजेपी के साथ पवन कल्याण के आने के बाद पार्टी को युवाओं से भी सहायता मिल सकती हैं पवन कल्याण मुन्नुरु कापू समुदाय से आते हैं वह ओबीसी हैं राज्य में इस जाति की जनसंख्या 26% के आसपास है इससे बीजेपी को मजबूती मिल सकती है

टीडीपी अहम कड़ी

टीडीपी राज्य में चुनाव नहीं लड़ रही है ऐसे में पवन कल्याण के साथ आने से टीडीपी का वोट भाजपा को ट्रांसफर हो सकता है जरूरी पहलू यह है कि भले ही बीजेपी का टीडीपी के साथ कोई समझौता नहीं है, लेकिन वह चाहती है कि जन सेना चंद्रबाबू नायडू के साथ अपने संबंधों का फायदा उठाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तेलंगाना में टीडीपी का वोट एनडीए को हस्तांतरित हो, न कि कांग्रेस पार्टी को यह एक सियासी मास्टरस्ट्रोक है क्योंकि यह नायडू और पवन के बीच संबंधों का परीक्षण करेगा, और संभवतः इसे तनाव में भी डाल देगा यदि ‘टीडीपी समर्थक जन सेना को वोट नहीं देते हैं, तो बीजेपी इसे विश्वासघात का मुद्दा बता सकती है और पूछ सकती है कि नायडू आंध्र प्रदेश में पवन के समर्थन की आशा कैसे कर सकते हैं, जब वह तेलंगाना में समर्थन नहीं करते हैं

कांग्रेस मजबूत

दूसरी ओर तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी के लिए भी एक सहज स्थिति बन चुकी है वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष शर्मिला ने इस बात का घोषणा किया है कि उनकी पार्टी तेलंगाना में चुनाव नहीं लड़ेगी और वह कांग्रेस पार्टी का समर्थन करेगी आपको बता दें की अभिभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी की बहन भी हैं शर्मिला लगातार तेलंगाना में बीआरएस गवर्नमेंट पर निशाना साध रही है वह बीआरएस गवर्नमेंट को करप्ट बता रही हैं शर्मिला ने कांग्रेस पार्टी को समर्थन दिया है जिसका लाभ ग्रैंड ओल्ड पार्टी को हो सकता है हालाँकि, यह फैसला आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ दल के लिए अच्छा नहीं रहा, खासकर इसलिए क्योंकि इसने सीएम जगनमोहन रेड्डी को नकारात्मक छवि में चित्रित किया है जगन ने चिंता व्यक्त की है कि कांग्रेस पार्टी ने उनके सीएम बनने की संभावनाओं को कमजोर करने का कोशिश किया है

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