समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच वार-पलटवार नए एंगल पर पहुचा
SP Congress Tussle: कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच विवाद बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में समाजवादी पार्टी (SP) कार्यालय के बाहर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को ‘भावी प्रधानमंत्री’ बताते हुए एक होर्डिंग लगाया गया है। कहा जा रहा है कि यह होर्डिंग फखरुल हसन चांद ने लगाया है। इस होर्डिंग के जरिए फखरुल ने समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव को जन्मदिन की शुभकामना दी। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच विधानसभा सीटों को लेकर रार की खबरें लगातार आ रही थीं। लेकिन उस पर कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने लगाम लगाई, पर अखिलेश यादव के भावी पीएम वाले होर्डिंग के बाद फिर से विपक्षी एकता पर प्रश्न उठने लगा है। चर्चा है कि अब क्या गठबंधन के निर्णय के बगैर ही अखिलेश यादव को उनके कार्यकर्ता भावी पीएम मान रहे हैं या फिर ये शक्ति प्रदर्शन है।
सपा-कांग्रेस में क्यों हुआ विवाद?
बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में शीट शेयरिंग पर बात ना बन पाने के बाद सपा और कांग्रेस पार्टी के बीच वार-पलटवार नए एंगल पर पहुंच गया। अखिलेश यादव ने अजय राय पर टिप्पणी करते हुए उनकी हैसियत तक नाप दी। जिसके उत्तर में उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अजय राय भी आक्रामक अंदाज में नजर आए। उन्होंने अखिलेश यादव पर तीखा धावा बोल दिया। अजय राय ने बोला कि जो अपने पिता की इज्जत नहीं कर पाया, उसके मन में हमारे जैसे साधारण लोगों की क्या इज्जत है। अजय राय ने अखिलेश यादव को अपने अंदर झांक लेने तक की नसीहत दे डाली।
क्या आर-पार के मूड में हैं कांग्रेस?
फिर अजय राय के बयान से ये साफ हो गया कि अब कांग्रेस पार्टी भी आर-पार के मूड में आ गई है। हालांकि, अजय राय की तरफ से पलटवार किए जाने के बाद अखिलेश यादव और भड़क गए। अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी पर वादाखिलाफी का इल्जाम लगाया। इस दौरान अखिलेश यादव यूपी कांग्रेस पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से बहुत अधिक खफा नजर आए। उन्होंने खुले तौर पर चेतावनी दी कि जैसा व्यवहार कांग्रेस पार्टी करेगी वैसा ही उन्हें उत्तर दिया जाएगा।
अखिलेश-अजय राय के बीच तल्खी
अखिलेश यादव ने बोला कि जो नेता टिप्पणी कर रहे हैं। उन्हें इस बात के लिए भी तैयार होना चाहिए कि दूसरी पार्टी के लोग भी टिप्पणी करेंगे। अखिलेश यादव केवल यहीं तक नहीं रुके। उन्होंने अजय राय का नाम लिए बिना ही यहां तक कह दिया कि जब गठबंधन बना था तब उनका कहीं कोई नामोनिशान तक नहीं था। अजय राय पर निशान साधते हुए अखिलेश कहे कि जहां तक I.N.D.I.A गठबंधन की बात है जिन लोगों के बारे में आप बात कह रहे हैं उन लोगों की गठबंधन में कोई कुर्सी तक नहीं थी।
अखिलेश यादव ने दी ये चेतावनी
इससे पहले अखिलेश यादव ने ये बयान दिया था कि यदि उन्हें पता होता कि गठबंधन विधानसभा स्तर पर नहीं है तो वो कभी भी अपने नेताओं को कांग्रेस पार्टी नेताओं से मिलने नहीं भेजते। अखिलेश यादव ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी थी कि कांग्रेस पार्टी ने जैसा उसके साथ किया है वो उत्तर प्रदेश में इसका उत्तर देंगे। जिसके बाद लोकसभा चुनाव से पहले ही इण्डिया गठबंधन के टूटने की संभावना जताई जाने लगी।
हालांकि, कांग्रेस पार्टी और सपा के बीच जारी कलह पर भाजपा को भी चुटकी लेने का मौका मिल गया। उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अखिलेश यादव को विश्वासघाती बताते हुए उन पर निशाना साधा। सिद्धार्थनाथ सिंह ने बोला कि ये I.N.D.I अलायंस नहीं ठग अलायंस है और जब ठग अलायंस चलता है तो एक-दूसरे को ठगने की आदत हो जाती है। लेकिन उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अजय राय ये दावा करते हुए भी दिखाई दिए कि गठबंधन बना रहेगा। लेकिन सपा के नेता रामगोपाल यादव ने कमलनाथ को छुटभैया नेता बताकर टकराव को और बढ़ा दिया।