NIA टीम पर हुये हमला को लेकर सीएम ममता ने उलटा बीजेपी पर उठाया सवाल
Mamata Banerjee NIA: पश्चिम बंगाल में एक बार फिर से जांच एजेंसी पर धावा हुआ है। पूर्वी मेदिनीपुर जिले में आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान भीड़ ने शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम पर धावा कर दिया। अब इसको लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उलटा भाजपा पर प्रश्न उठा दिया है। तृणमूल सुप्रीमो ने बोला कि उन्होंने आधी रात को छापा क्यों मारा है। क्या उनके पास पुलिस की अनुमति थी। उन्होंने इल्जाम भी लगा दिया कि ग्रामीणों को पीटा भी गया है।
असल में ममता बनर्जी ने कथित तौर पर अपने सियासी फायदा के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी का इस्तेमाल करने के लिए केंद्र गवर्नमेंट पर धावा करते हुए बोला कि भाजपा क्या सोचती है, कि वे हर बूथ एजेंट को अरैस्ट करेंगे? एनआईए के पास क्या अधिकार है? ये सब भाजपा को समर्थन देने के लिए कर रहे हैं। हम पूरी दुनिया से भाजपा की इस गंदी राजनीति के विरुद्ध लड़ने का आह्वान करते हैं।
‘आत्मरक्षा में उठाया गया कदम’
ममता ने ग्रामीणों की प्रतिक्रिया को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताकर उनका बचाव किया। उन्होंने दावा किया कि जांच एजेंसी का दल ‘‘2022 में पटाखे फोड़ने की एक घटना की जांच के सिलसिले में तड़के ग्रामीणों के घरों में घुस गया था। बनर्जी ने दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट में एक चुनावी रैली के दौरान कहा, धावा भूपतिनगर की स्त्रियों ने नहीं किया था, बल्कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण के ऑफिसरों ने धावा किया था। उन्होंने बोला कि यदि स्त्रियों पर धावा होगा तो क्या महिलाएं शांत बैठी रहेंगी, वे स्वयं को बचाने का कोशिश नहीं करेंगी।
बीजेपी बोली- संदेशखाली 2.0
उधर भाजपा ने बंगाल में एनआईए ऑफिसरों पर हुए हमले को शनिवार को ‘राज्य प्रायोजित हमला’ करार दिया और इल्जाम लगाया कि सीएम ममता बनर्जी ने 2022 विस्फोट मुद्दे की जांच में बाधा उत्पन्न करने के लिए अत्याचार भड़काई, ताकि घटना में शामिल लोगों को बचाया जा सके। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने बोला कि एनआईए ऑफिसरों पर धावा बम विस्फोट मुद्दे की जांच में बाधा डालने के लिए राज्य गवर्नमेंट द्वारा कराया गया संदेशखाली 2.0 है।
पूनावाला ने इल्जाम लगाया कि यह महज एक संयोग नहीं, बल्कि एक सुविचारित प्रयोग है। यह एनआईए ऑफिसरों पर राज्य प्रायोजित धावा है। यह धावा सत्तारूढ़ तृण मूल काँग्रेस द्वारा कराया गया। इतना ही नहीं भाजपा मुद्दे में ने निर्वाचन आयोग से घटना का संज्ञान लेने का आग्रह किया।