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मोदी सरकार ने 2000 रुपये के नोट को किए बैन

नई दिल्ली बहुत से लोगों के मन में प्रश्न उठ रहा होगा कि 30 सितंबर 2023 के बाद 2000 रुपये का नोट (2000 Rupee Note) रखना क्या क्राइम (Crime) की श्रेणी में आ जाएगा? क्या 30 सितंबर 2023 के बाद एक आदमी अपने पर्स या जेब में 2000 रुपये का नोट नहीं रख सकता है? यदि रखे जाने पर पुलिस पकड़ती है तो उसे किन धाराओं में अरैस्ट कर सकती है या जुर्माना लगा सकती है? यदि आपके मन 2000 रुपये के नोट को लेकर किसी भी तरह का कोई प्रश्न है तो यह समाचार आपके लिए बहुत उपयोगी है 2000 रुपये के नोट चलन से बाहर होने से पहले हम आपको बताना चाहते हैं कि वर्ष 2016 के नोटबंदी के निर्णय के बाद 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को लेकर क्या नियम बने थे और आरबीआई की पॉलिसी पुराने नोट को लेकर क्या है?

केंद्र गवर्नमेंट ने 8 नवबंर 2016 को नोटबंदी का निर्णय किया था इसके बाद से राष्ट्र में 500 और 1000 के पुराने नोट बैन हो गए थे इसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ने 500 और 2000 रुपये का नोट को बाजार में उतारा था इस निर्णय के 7 वर्ष बाद एक बार से फिर मोदी गवर्नमेंट ने 2000 रुपये के नोट को बैन कर दिया इस निर्णय के बाद आरबीआई ने सभी बैंकों को 30 सितंबर 2023 तक 2000 के पुराने नोट जमा करने और बदलने की सुविधा देने का घोषणा किया

जानें आरबीआई की पॉलिसी
लेकिन, आंकड़ों की मानें तो अभी तक बाजार से तकरीबन 24 हजार करोड़ 2000 के नोट वापस नहीं आए हैं ऐसे में प्रश्न उठता है कि 30 सितंबर 2023 के बाद 2000 के इन नोटों का क्या होगा? क्या आम आदमी यदि 2000 रुपये का नोट अपने पर्स या पॉकेट में रख कर चलेगा तो पुलिस अरैस्ट भी कर सकती है? क्या आरबीआई दो हजार रुपये के नोट को जमा कराने की तारीख बढ़ा भी सकती है?

साल 2016 में नोटबंदी के बाद का नियम
आपको बता दें कि वर्ष 2016 में 500 और 1000 के नोट पर बैन लगने के बाद इस नोट को घर में रखना या इधर-उधर ले जाना दंडनीय क्राइम की श्रेणी में आ गया था इन नोटों को बदलने के लिए आरबीआई ने कई बार नोटिफिकेशन भी जारी किया, लेकिन अभी तक पूरे नोट वापस नहीं आए हैं ऐसे में 2000 रुपये के नोट बदलने या जमा करने की समयसीमा भी बढाई जाने की आसार से मना नहीं किया जा सकता है, क्योंकि अभी तकरीबन 24 हजार करोड़ मूल्य के 2000 रुपये के नोट बाजार में ही हैं

 

500 और 1000 रुपये के पुराने नोट पर क्या है कानून
केंद्र गवर्नमेंट ने वर्ष 2016 में नोटबंदी लाने के कुछ ही दिनों के बाद एक कानून को स्वीकृति दी थी, जिसके अनुसार 10 से अधिक 500 या 1000 रुपये के पुराने नोट रखने पर न्यूनतम 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है साथ ही जेल के भी प्रावधान हैं वर्ष 2017 में निर्दिष्ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अधिनियम, 2017 को संसद ने पास किया था यह अधिनियम 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों का इस्तेमाल करके “समानांतर अर्थव्यवस्था चलाने की संभावना” को समाप्त करने के उद्देश्य से पारित किया गया था इसके अनुसार संसद द्वारा पारित कानून लागू होने के साथ-साथ व्यक्तियों द्वारा पुराने नोटों के 10 से अधिक टुकड़े और अध्ययन, अनुसंधान या मुद्राशास्त्र के उद्देश्य के लिए 25 से अधिक टुकड़े रखना भी एक क्राइम माना गया इसके अनुसार 10,000 रुपये या नकदी का पांच गुना जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है

 

साल 2017 में संसद द्वारा पारित अधिनियम विमुद्रीकृत मुद्रा नोटों पर भारतीय रिज़र्व बैंक और गवर्नमेंट की देनदारी को भी खत्म करता है वर्ष 2016 में मोदी गवर्नमेंट ने वित्तीय प्रणाली से बेहिसाब धन और नकली नोटों को समाप्त करने के लिए आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिशों पर नोटबंदी का निर्णय लिया था यह कानून 31 दिसंबर, 2016 से पुराने नोटों को रखने, स्थानांतरित करने या प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगाता है और जुर्माना लगाने के लिए प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की न्यायालय को शक्ति प्रदान करने का प्रावधान करता है ऐसे में बताया जा रहा है कि 2000 रुपये के नोट चलन से गायब होने के बाद संसद इसको लेकर कोई कानून ला सकता है या वर्ष 2017 कानून के अनुसार ही कार्रवाई करने का अधिकार प्रदान कर सकता है

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