मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि हरियाणा-मणिपुर से पलायन कर बंगाल में शरण ले रहे लोग
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मंत्री फरहाद वैध ने सोमवार को खुलासा किया कि जातीय और सांप्रदायिक झड़पों के गवाह रहे मणिपुर और हरियाणा राज्यों के कई व्यक्तियों ने बंगाल के सीमावर्ती जिलों में शरण मांगी है। तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) नेता के अनुसार, राज्य गवर्नमेंट दोनों राज्यों से इन लोगों को फिर से बसाने पर विचार कर रही है।
हकीम ने कहा, “सैकड़ों लोगों की जान चली गई है, लगभग 63 हजार लोग मणिपुर से भाग गए हैं, और ज्यादातर बंगाल आ रहे हैं। हरियाणा के लोग भी बंगाल में शरण ले रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे पास परफेक्ट आंकड़े नहीं हैं, लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में, मणिपुरी हैं, खासकर उत्तर बंगाल में। हरियाणा से लोग, विशेष रूप से बंगाली समुदाय, बंगाल आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट उन्हें यहां फिर से बसाने के लिए निर्णय करेगी।
यह बयान पश्चिम बंगाल की सीएम और तृण मूल काँग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा नूंह जिले में एक हिंदू संगठन के जुलूस के दौरान हाल ही में हुई सांप्रदायिक झड़पों के लिए हरियाणा गवर्नमेंट की निंदा करने के बाद आया है। ममता बनर्जी ने इससे पहले मणिपुर में जातीय संघर्ष को लेकर बीजेपी की निंदा की थी और पार्टी पर ‘बेटी बचाओ’ के नारे के बावजूद स्त्रियों की रक्षा करने में विफल रहने का इल्जाम लगाया था। चूंकि मणिपुर और हरियाणा दोनों में स्थिति गंभीर बनी हुई है, कई विस्थापित आदमी पश्चिम बंगाल में शरण मांग रहे हैं, जिससे राज्य गवर्नमेंट को उनके पुनर्वास के विकल्पों पर विचार करना पड़ रहा है|