Mig-29 Deal: रूस से आएगा सबसे भरोसेमंद साथी,चीन-पाकिस्तान की उड़ेगी नींद
Mig-29 Fighter Jet Specifications: 12 सुखोई फाइटर जेट (Sukhoi Fighter Jet) का सौदा फाइनल होने के बाद हिंदुस्तान अब रूस (Russia) से मिग 29 फाइटर जेट खरीदने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, इस सौदे की वार्ता काफी आगे पहुंच चुकी है। भारतीय वायुसेना (IAF) करीब तीन दशकों से मिग-29 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल कर रही है और वो इनसे काफी संतुष्ट है। वायुसेना के पास मिग-29 की अभी तीन स्क्वॉड्रन है, जिन पर चीन (China) और पाक (Pakistan) से सटी सीमा की सुरक्षा का जिम्मा है। इसी वर्ष अगस्त में मिग-29 की एक स्क्वॉड्रन को श्रीनगर एयरबेस पर तैनात किया गया है।
रूस से आएगा सबसे भरोसेमंद साथी
सूत्रों के मुताबिक, हिंदुस्तान रूस से मिग-29 की बॉडी खरीदेगा और फिर हिंदुस्तान में ही आवश्यकता के मुताबिक, उसमें रडार, मिसाइल और दूसरे उपकरण लगाए जाएंगे। कहा जा रहा है कि नए मिग 29 फाइटर जेट्स पर नयी पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइल तैनात की जाएगी। नयी पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइल का वजन डेढ़ टन होगा और उनकी रेंज 1,200 किलोमीटर तक होगी।
चीन-पाकिस्तान की उड़ेगी नींद
फाइटर जेट्स की कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना के पास इस समय फाइटर जेट की 30 स्क्वॉड्रन हैं जबकि चीन और पाक के मोर्चे पर सुरक्षा के लिए वायुसेना को 41 स्क्वॉड्रन की आवश्यकता है। बोला जा रहा है कि एक वर्ष के अंदर मिग-21 की तीन स्क्वाड्रन रिटायर हो जाएंगी जिसके बाद फाइटर जेट्स की कमी और बढ़ जाएगी।
भारतीय सेना ने कस ली है कमर
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना चीन और पाक की सीमा पर कड़ी नज़र रखने के लिए कमर कस ली है। LoC और LAC पर ‘प्रचंड’ लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर की तैनाती होगी जिन्हें भारतीय वायुसेना शीघ्र HAL से खरीदेगी। वायुसेना जल्द ही सीमा पर प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर तैनात करने वाली है, जिसके लिए शीघ्र ही हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को ऑर्डर दिया जाएगा।
भारतीय वायुसेना हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड से 156 प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर खरीदेगी। इनमें से 66 भारतीय वायुसेना और बाकी 90 इंडियन आर्मी खरीदेगी। वायुसेना और इंडियन आर्मी बीते 15 महीनों में 15 हेलिकॉप्टरों को पहले ही अपने बेड़े में शामिल कर चुके हैं। प्रचंड रेगिस्तानी इलाकों और ऊंचाई वाले इलाकों दोनों में संचालित किया जा सकता है।
दुनिया का एकमात्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर है जो 5000 मीटर यानी करीब 16 हजार 400 फीट की ऊंचाई पर उतर और उड़ान भर सकता है। प्रचंड की सियाचिन और पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए एक दम ठीक है। साथ ही हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भी दाग सकता है। पूर्ण सेना आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सेवाओं में इन हेलिकॉप्टरों की संख्या 300 से अधिक होने की आशा है और जल्द ही निर्यात बाजारों में खरीदार मिलने की भी आशा है।