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भारतीय राजनीतिज्ञ सुषमा स्वराज के जन्मदिन पर जानें इनका राजनीतिक करियर

इतिहास न्यूज डेस्क !! सुषमा स्वराज (अंग्रेज़ी: Sushma Swaraj, जन्म- 14 फ़रवरी, 1952 – मृत्यु- 6 अगस्त, 2019) हिंदुस्तान गवर्नमेंट की केंद्रीय केबिनेट में शामिल विदेश मंत्री थीं हिंदुस्तान की प्रमुख सियासी पार्टियों में से एक ‘भारतीय जनता पार्टी’ (भाजपा) की शीर्ष स्त्री नेत्रियों में वे गिनी जाती थीं सुषमा स्वराज ग्यारहवीं, बारहवीं और पंद्रहवीं लोक सभा की सदस्य भी रहीं उन्हें सन 2009 में लोकसभा चुनावों के लिये बीजेपी की 19 सदस्यीय “चुनाव प्रचार समिति” का अध्यक्ष बनाया गया था सुषमा स्वराज केन्द्रीय मंत्री और राष्ट्र की राजधानी दिल्ली की प्रथम स्त्री सीएम रहींं 26 मई, 2014 से 24 मई, 2019 तक हिंदुस्तान की विदेश मंत्री रहीं

जन्म तथा शिक्षा

14 फ़रवरी, 1952 को हरियाणा की अंबाला छावनी में सुषमा का जन्म हुआ था उनके पिता का नाम श्री हरदेव शर्मा था सुषमा ने अपनी शिक्षा के भीतर कला स्नातक और विधि स्नातक की डिग्रियाँ प्राप्त कीं वे उच्चतम न्यायालय में वकालत भी करती हैं 13 जुलाई, 1975 को उनका शादी स्वराज कौशल के साथ सम्पन्न हुआ, जो छ: वर्ष तक राज्य सभा में सांसद रहे और साथ ही मिजोरम में गवर्नर भी रहे स्वराज कौशल अभी तक के सबसे कम उम्र में गवर्नर का पद प्राप्त करने वाले आदमी हैं सुषमा और उनके पति की उपलब्धियों का यह स्वर्णिम रिकॉर्ड ‘लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज हो चुका है सुषमा स्वराज एक बेटी की माँ भी है, जो वकालत कर रही है

राजनीति में प्रवेश

सत्तर के दशक में विद्यार्थी राजनीति से अपना सियासी यात्रा प्रारम्भ करने वाली सुषमा, हरियाणा विधानसभा की विधायक रहीं और जनता पार्टी की विधायक के तौर पर उन्हें चौधरी देवीलाल की गवर्नमेंट में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था वे लगातार तीन सालों तक हरियाणा विधानसभा की सर्वश्रेष्ठ वक्ता भी रहीं साल 1990 में वे राज्य सभा और 1996 में 11वीं लोक सभा के लिए दक्षिण दिल्ली से चुनी गईं 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की तेरह दिनों तक चली गवर्नमेंट में उन्हें ‘सूचना और प्रसारण मंत्री’ बनाया गया था 12वीं लोक सभा में भी वे चुनकर आईं और फिर ‘सूचना प्रसारण मंत्री’ बनीं बाद में वे कुछ समय के लिए दिल्ली की पहली स्त्री मुख्‍यमंत्री भी रहीं बीजेपी के विधानसभा चुनाव हारने के बाद वे फिर से केन्द्रीय राजनीति में लौटीं साल 1999 के लोक सभा चुनावों में उन्होंने कर्नाटक के बेल्लारी संसदीय चुनाव क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी प्रमुख सोनिया गाँधी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ा था हालाँकि वे चुनाव हार गईं, लेकिन उन्होंने सोनिया गाँधी को कड़ी भिड़न्त दी साल 2000 में वे उत्तराखंड से राज्य सभा के लिए चुनी गईं और राज्य सभा में रहते हुए सूचना प्रसारण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा संसदीय कार्यमंत्री के पद पर रहीं

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ाव

पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान सुषमा ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ का हिस्सा बन गई थीं अरुण जेटली जब 1974 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी संघ का चुनाव लड़ रहे थे, तब वह दिल्ली चुनाव प्रचार से सम्बन्धित कार्य हेतु आई थीं 80 के दशक में वह बीजेपी से जुड़ीं

पार्टी को स्थायित्व

वर्ष 1999 में जब सुषमा को बेल्लारी सीट से सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने के लिए बोला गया, तब उस समय वहाँ उन्होंने पार्टी को स्थायित्व प्रदान कर दिया था, जिसका अस्तित्व वहाँ पहले नहीं था चुनाव में सोनिया गांधी को 51.7 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि सुषमा स्वराज को 44.7 प्रतिशत मिला वोट हासिल हुए कर्नाटक में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में विधान सौध में बीजेपी विधायक दल में सबसे अधिक हिस्सेदारी बेल्लारी क्षेत्र की ही थी लेकिन समान रूप से उन्होंने पार्टी में अपने सहयोगी जसवंत सिंह की बड़ी निंदा की और यह भी बोला कि लोक लेखा समिति के अध्यक्ष पद से उन्हें त्याग-पत्र दे देना चाहिए गोधरा दंगों के मुद्दे में जब अटल बिहारी वाजपेयी ने नरेंद्र मोदी को राजधर्म निभाने की राय दी, तब सुषमा इससे सहमत नजर आईं, किंतु जब चंद्रबाबू नायडू ने इस मामले पर राजग से समर्थन वापस लेने के लिए कहा, उस समय सुषमा ने पार्टी के दूसरे नेताओं की तरह बोला कि ‘दबाव में मोदी को नहीं बदला जा सकता

गम्भीर विचारक

सुषमा स्वराज एक अच्छी शिक्षिका के रूप में भी जानी-पहचानी जाती हैं वे पार्टी के उन नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने वसुंधरा राजे सिंधिया को राजस्थान में विपक्ष का नेता बनाए रखने की बात कही थी इसके लिए उन्होंने तर्क दिया था कि “किसी नेता को नष्ट करने में एक मिनट का समय लगता है, जबकि बनाने में कई वर्ष लग जाते हैं” उन्होंने कई बार यादगार भाषण भी दिए, लेकिन उनका सबसे अच्छा भाषण वह है, जो उड़िया में दिया गया था बीजू जनता दल ने जब बीजेपी से नाता तोड़ लिया था, तब चार दिन बाद सुषमा वहाँ पहुंची थीं और तब उड़िया में उन्होंने यह यादगार भाषण दिया था नौ वर्ष के मुख्यमंत्रित्व काल में नवीन पटनायक एक बार भी उड़िया में सार्वजनिक भाषण नहीं दे पाए थे उनकी मौजूदगी की वजह से संसद प्राय: सजीव सी प्रतीत होती है

राज्य सभा में बीजेपी नेता

अप्रैल, 2006 में सुषमा स्वराज पुन: राज्य सभा के लिए चुनी गईं, लेकिन इस बार उन्हें मध्य प्रदेश से चुनकर भेजा गया राज्य सभा में वे बीजेपी की उपनेता भी रहीं और एक समय पर तो उन्हें पार्टी का प्रमुख बनाए जाने की संभावनाएँ ज़ाहिर की जाने लगीं वे बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य होने के साथ कई सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं वे चार सालों तक हरियाणा के ‘हिंदी साहित्य सम्मेलन’ की अध्यक्ष भी रहीं इस बार पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश के विदिशा संसदीय चुनाव क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया पंद्रहवीं लोकसभा के लिए चुनाव लड़ने के साथ-साथ ही सुषमा कई राज्यों के लिए बीजेपी की प्रमुख रणनीतिकार भी नियुक्त की गई थीं

उत्कृष्ट सांसद का सम्मान

संसद के केन्द्रीय कक्ष में सम्पन्न एक गरिमामय कार्यक्रम में राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने बीजेपी की वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद सुषमा स्वराज को साल 2004 के लिए ‘उत्कृष्ट सांसद सम्मान’ से अलंकृत किया था प्रतिभा पाटिल ने सुषमा स्वराज की प्रशंसा करते हुए उन्हें राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दों की प्रखर वक्ता कहा था इस मौके पर सुषमा ने इस पुरस्कार के लिए पहली बार किसी स्त्री को चुनने के लिए चयन समिति को धन्यवाद दिया और बोला कि “यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें यह पुरस्कार राष्ट्र की पहली स्त्री राष्ट्रपति के हाथों मिला है” उन्होंने बोला “मेरा क़द तो छोटा था सहयोगियों ने यह पुरस्कार देकर मेरे क़द को और भी बड़ा कर दिया है” इसके साथ ही सुषमा ने ईश्वर से इस पुरस्कार की मर्यादा को बनाए रखने की शक्ति प्रदान करने की कामना की और वचन दिया कि वह हर संभव कोशिश कर इस पुरस्कार का मान सम्मान बनाए रखने का कोशिश करेंगी

प्रशस्ति पत्र

सुषमा स्वराज को प्रशस्ति पत्र भी प्राप्त हुआ है इनको अर्पित प्रशस्ति पत्र में बोला गया है कि- “श्रीमती सुषमा स्वराज का तीन दशकों से अधिक का उत्कृष्ट सार्वजनिक जीवन रहा है उन्हें हरियाणा गवर्नमेंट में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री तथा दिल्ली की प्रथम स्त्री सीएम होने का गौरव प्राप्त है एक प्रतिभाशाली वक्ता होने के साथ-साथ उन्होंने राष्ट्र में संसदीय लोकतंत्र को सुदृढ़ करने में विशिष्ट सहयोग दिया है

चुनाव क्षेत्र

  • विदिशा, मध्य प्रदेश
  • दक्षिण दिल्ली, दिल्ली
  • राजनैतिक सफ़र

सदस्यता

  • हरियाणा-विधान सभा, 1977-1982 और 1987-1990
  • मुख्यमंत्री (दिल्ली), 13 अक्टूबर-3 दिसंबर 1998
  • वर्तमान में सदस्य राज्य सभा, अप्रैल 2000
  • केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री
  • विदेश मंत्री- 26 मई 2014 से अब तक
  • श्रम और रोज़गार 1977-1979
  • शिक्षा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति 1987-1990
  • सूचना और प्रसारण 16 मई 1996-1 जून 1996
  • सूचना और प्रसारण और दूरसंचार (अतिरिक्त प्रभार) 19 मार्च-12 अक्टूबर 1998
  • सूचना और प्रसारण 30 सितंबर 2000 से 29 जनवरी 2003
  • 29 जनवरी 2003 से 22 मई 2004 स्वास्थ मंत्री एवं संसदीय मंत्री
  • अप्रेल 2006, पाँचवी बार राज्य सभा के लिए पुन: चुनी गईं
  • 16 मई 2009, पंद्रहवीं लोकसभा के लिए छटवीं बार चुनी गईं
  • 3 जून 2009 को लोक सभा के उपनेता विपक्ष चुनी गईं
  • 21 दिसम्बर 2009 को नेता विपक्ष चुनी गईं
  • 26 मई 2014 से 24 मई 2019 तक विदेश मंत्री के पद पर आसीन रहीं

निधन

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 6 अगस्त की रात को मृत्यु हो गया वह 67 साल की थीं एम्स के सूत्रों ने कहा कि स्वराज को रात 10 बजकर 15 मिनट पर हॉस्पिटल लाया गया और उन्हें सीधे इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया बीजेपी की वरिष्ठ नेता का 2016 में गुर्दा प्रतिरोपित किया गया था और स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था दिल्ली में अपने घर पर कार्डिएक अरेस्ट के बाद सुषमा स्वराज को एम्स हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन सुषमा को बचाया नहीं जा सका

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