जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग के खिलाफ शुरू किया एक अभियान
जम्मू। अनुच्छेद 370 (Article 370) पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के निर्णय से पहले जम्मू और कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग के विरुद्ध एक अभियान प्रारम्भ किया है। पिछले दो दिनों में ‘नफरत फैलाने वाली सामग्री’ अपलोड करने या अफवाहें फैलाने के लिए 5 लोगों पर मुद्दा दर्ज किया गया है। पुलिस ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में एक कथित अफवाह फैलाने वाले के विरुद्ध कार्रवाई की है। वहीं मध्य कश्मीर के बडगाम और गांदरबल जिलों में दो-दो लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की गई। पुलिस (Jammu and Kashmir Police) के एक प्रवक्ता ने बोला कि ‘पुलिस ने बारामूला जिले के वानी मोहल्ला बलिहारन पट्टन निवासी अली मोहम्मद वानी के बेटे बिलाल अहमद वानी नामक शख्स के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई प्रारम्भ की है।’
यह कार्रवाई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसके भड़काऊ और देशद्रोही बयानों वाले नफरत से भरे वीडियो अपलोड करने के कारण की गई है। ठीक इसी तरह बडगाम पुलिस ने अफवाह फैलाने के इल्जाम में दो लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की। पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट में बोला कि ‘सफापोरा निवासी वसीम मुश्ताक मलिक और नुन्नर, गांदरबल निवासी आदिल अहमद राथर को सोशल मीडिया पर नफरत भरी सामग्री फैलाने में शामिल पाया गया। जिला मजिस्ट्रेट के हाल ही में जारी आदेश के अनुसार दोनों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई प्रारम्भ की गई है।’
साथ ही पुलिस ने लोगों से सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर सावधान रहने की अपील की है। पुलिस के बयान में बोला गया कि ‘माहौल खराब करने और सार्वजनिक प्रबंध के लिए परेशानी पैदा करने की किसी भी प्रयास को गंभीरता से लिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’ सोशल मीडिया यूजर्स के विरुद्ध कार्रवाई जिला मजिस्ट्रेटों और पुलिस के पिछले दो हफ्तों में आतंकी प्रचार या बिना सत्यापन के समाचार शेयर करने के विरुद्ध चेतावनी देने के बाद की गई है।
गौरतलब है कि आज उच्चतम न्यायालय की कानूनी पीठ अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को खारिज करने और जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय सुनाने जा रहा है। गुरुवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बारामूला आमोद अशोक नागपुरे ने बोला कि सोशल मीडिया या समूहों पर किसी भी आतंकी संगठन से संबंधित किसी भी पोस्ट को साझा करने, आतंकवाद या सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।