इंटरनेशनल मोनेटरी फंड ने भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 0.20% बढ़ाया
अंतरिम बजट से पहले इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ने वित्त-वर्ष 2024-25 और वित्त साल 2025-26 के लिए हिंदुस्तान की GDP ग्रोथ का अनुमान 0.20% बढ़ाकर 6.5% कर दिया है। वहीं वित्त साल 2023-24 के लिए GDP अनुमान 6.7% कहा है।हालांकि, 2024-25 का IMF का यह अनुमान हिंदुस्तान के वित्त मंत्रालय के अनुमान से 0.50% कम है। एक दिन पहले मंत्रालय ने ‘द भारतीय इकोनॉमी: ए रिव्यू’ नाम की एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि हिंदुस्तान की GDP अगले वर्ष 7% रह सकती है।
भारत में लगातार बढ़ रही डोमेस्टिक डिमांड
IMF ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में बोला कि हिंदुस्तान में विकास 2024 और 2025 दोनों में मजबूत रहने का अनुमान है। यह बढ़ती डोमेस्टिक डिमांड को दर्शाता है।
विस्तार की गति धीमी, आगे उथल-पुथल संभव
IMF के चीफ इकोनॉमिस्ट पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने बोला ‘बादल छंटने लगे हैं। ग्लोबल इकोनॉमी धीरे-धीरे सॉफ्ट लैंडिंग की तरफ बढ़ रही है। महंगाई में गिरावट आ रही है और ग्रोथ बढ़ रही है। हालांकि, विस्तार की गति धीमी बनी हुई है और आगे उथल-पुथल हो सकती है।
मजबूत घरेलू मांग ने हिंदुस्तान की ग्रोथ को 7% पर पहुंचाया
इससे पहले 29 जनवरी को हिंदुस्तान के वित्त मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी की थी। उसे मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की टीम ने तैयार किया है। रिपोर्ट में बोला गया है कि मजबूत घरेलू मांग ने पिछले 3 वर्ष में इकोनॉमी को 7% से अधिक की विकास रेट पर पहुंचा दिया है।पिछले 10 वर्षों में गवर्नमेंट की ओर से उठाए गए कदमों के कारण निजी खपत और निवेश में मजबूती आई है। मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट देने के लिए उठाए कदम और इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्टमेंट से सप्लाई साइड भी मजबूत हुई है।
2030 तक हिंदुस्तान 7 ट्रिलियन $ की अर्थव्यवस्था बन सकता है
रिपोर्ट में ये भी बोला गया है कि आने वाले वर्षों में भी इकॉनॉमी 7% की रेट से बढ़ना जारी रह सकती है। सिर्फ़ भू-राजनीतिक संघर्षों का बढ़ा जोखिम एक चिंता का विषय है। इसके अलावा, हिंदुस्तान 2030 तक 7 ट्रिलियन $ की अर्थव्यवस्था बन सकता है। यह जीवन की गुणवत्ता और जीवन स्तर प्रदान करने की यात्रा में एक जरूरी मील का पत्थर होगा।
ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट क्या है?
इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए GDP का इस्तेमाल किया जाता है। GDP राष्ट्र के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी वस्तुओं और सेवाओं की वैल्यू को दिखाती है। इसमें राष्ट्र की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है।
दो तरह की होती है GDP
GDP दो तरह की होती है। रियल और नॉमिनल। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। अभी GDP कैलकुलेशन के लिए बेस ईयर 2011-12 है। यानी 2011-12 में गुड्स और सर्विस के जो दर थे उस हिसाब से कैलकुलेशन। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करेंट प्राइस पर किया जाता है।
कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?
GDP कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब सरकार स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है