इस पत्र में राज्यपाल ने सीएम मान को दी नसीहत
पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित और सीएम भगवंत मान के बीच एक बार फिर विवाद देखने को मिला है | इस बार गवर्नर ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की देशभक्ति पर प्रश्न उठाए हैं। दोनों के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं।
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक और पत्र लिखा । इस पत्र में गवर्नर ने मुख्यमंत्री मान को नसीहत दी है कि आप संविधान निर्माता हैं डाॅ। आप बीआर अंबेडकर की फोटो तो लगाते हैं, लेकिन उनके संविधान का पालन नहीं कर रहे हैं। राज्यपाल ने बोला कि आपने (मुख्यमंत्री) जो बोला और उन्होंने जो कहा, उसमें बहुत अंतर है।
राज्यपाल ने पत्र में लिखा कि- ”मेरे संज्ञान में आया है कि आपने घर-घर आटा पहुंचाने का फैसला लिया है। पिछले वर्ष मेरे निर्देश पर राजभवन के प्रमुख सचिव ने 24 सितंबर 2022 को मुख्य सचिव से घर-घर आटा योजना से संबंधित मुद्दों पर उत्तर मांगा था, लेकिन अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया गया है।
राज्यपाल ने पंजाब गवर्नमेंट की ओर से उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिका का जिक्र करते हुए बोला कि उच्चतम न्यायालय ने बाबा साहेब डाॅ। विधानसभा में बीआर अंबेडकर के भाषण को कोडित कर तय किया गया है कि गवर्नर मंत्री से प्रश्न कर सकते हैं। इतना ही नहीं, यह मंत्री द्वारा जनहित के खिलाफ किये जा रहे कार्यों के बारे में भी चेतावनी दे सकता है।
पारदर्शी, निष्ठावान प्रशासन प्रदान करना गवर्नर का कर्तव्य है। राज्यपाल लोगों की इच्छाओं के खिलाफ कार्य करने के लिए गवर्नमेंट या प्रशासन से पूछताछ कर सकते हैं। सुप्रीम न्यायालय ने गवर्नर के इन परफेक्ट कार्यों को नियमित रूप से बढ़ावा दिया है। गवर्नर ने सीएम को लिखे पत्र में बोला कि मुझे आशा है कि आप (मुख्यमंत्री) बाबा साहब का भाषण देखने के बाद मेरे पत्र का उत्तर देंगे।
राज्यपाल ने भी 24 जुलाई को सीएम को पत्र लिखकर पुराने पत्रों का उत्तर मांगा था। इसके बाद बजट सत्र के दौरान भी गवर्नर और मुख्यमंत्री के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो गई। इस मुद्दे में गवर्नमेंट ने गवर्नर के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की। उच्चतम न्यायालय ने राज्यपाल को बजट बैठक की स्वीकृति देने का आदेश दिया और साथ ही सरकार/सीएम से गवर्नर द्वारा मांगी गई जानकारी का उत्तर देने को कहा।