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प्रधानमंत्री मोदी के गांव में 2800 साल पुरानी रिहायश के मिले सबूत

Vadnagar Excavation News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गांव तो आपको याद ही होगा हां, गुजरात का वडनगर यह एक बार फिर चर्चा में है पीएम के गांव में 2800 वर्ष पुरानी रिहायश के सबूत मिले हैं वहां से आए वीडियो आपकी उत्सुकता बढ़ा देंगे ईंट की दीवारें और पक्की नालियां दिखाई देती हैं करीब तीन हजार वर्ष होने को आए लेकिन आज भी दीवारें पूरी तरह नष्ट नहीं हुईं 800 ईसा पूर्व की मानव बस्ती के सबूत मिलने से वडनगर की देशभर में चर्चा हो रही है इतिहास के बारे में कई नयी जानकारियां यहां से मिल सकती हैं

आईआईटी खड़गपुर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, JNU और डेकन कॉलेज के अनुसंधानकर्ताओं ने यह रहस्य खोजा IIT खड़गपुर ने एक बयान में बोला कि वडनगर में गहन पुरातात्विक खनन के शोध से यह भी पता चला है कि 3,000 सालों के दौरान विभिन्न साम्राज्यों का उदय, पतन और मध्य एशियाई हमलावरों के हिंदुस्तान पर बार-बार अटैक, बारिश या सूखे जैसी जलवायु में गंभीर बदलाव देखा गया

यह शोध एल्सवियर की मीडिया ‘क्वाटरनरी साइंस रिव्यूज’ में प्रकाशित हुआ है जिसका विषय है- ‘प्रारंभिक ऐतिहासिक से मध्ययुगीन काल तक जलवायु, मानव बस्ती और प्रवास: पश्चिमी भारत, वडनगर में नए पुरातात्विक खनन से मिले सबूत’ इस खुदाई की प्रतिनिधित्व ASI ने की है जबकि गुजरात गवर्नमेंट के पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय ने इसे फंडिंग की

खुदाई में क्या-क्या मिला

वडनगर पीएम मोदी का पैतृक गांव है यह बहु-सांस्कृतिक और बहु-धार्मिक (बौद्ध, हिंदू, जैन और इस्लामिक) केंद्र रहा है एएसआई के पुरातत्व विज्ञानी अभिजीत अंबेकर ने कहा, ‘गहरी खुदाई करने से सात सांस्कृतिक काल – मौर्य, इंडो-ग्रीक, शक-क्षत्रप, हिंदू-सोलंकी, सल्तनत-मुगल (इस्लामिक) से गायकवाड-ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की मौजूदगी पता चली है और शहर का आज भी विकास हो रहा है हमारी खुदाई के दौरान सबसे पुराना बौद्ध मठ भी मिला है

यूनानी राजा के सिक्के के सांचे

उन्होंने कहा, ‘हमें विशिष्ट पुरातात्विक कलाकृतियां, मिट्टी के बर्तन, तांबा, सोना, चांदी और लोहे की वस्तुएं और महीन डिजाइन वाली चूड़ियां मिली हैं हमें वडनगर में इंडो-ग्रीक शासन के दौरान यूनानी राजा अपोलोडेटस के सिक्के के सांचे भी मिले हैं’ अंबेकर ने बोला कि वडनगर इस लिहाज से भी अलग है कि परफेक्ट कालक्रम के साथ प्रारंभिक इतिहास से मध्ययुगीन पुरातत्व का ऐसा लगातार रिकॉर्ड हिंदुस्तान में कहीं और नहीं मिला है

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