दिल्ली हिंसा: शरजील इमाम की जमानत अर्जी पर इस दिन आएगा फैसला
नई दिल्ली, दिल्ली के कड़कड़डूमा न्यायालय ने दिल्ली दंगा मुद्दे के आरोपित शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्णय सुरक्षित रख लिया है। एडिशनल सेशंस न्यायधीश समीर बाजपेई ने 17 फरवरी को निर्णय सुनाने का आदेश दिया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 30 जनवरी को कड़कड़डूमा न्यायालय को शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका पर 17 फरवरी तक सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान शरजील इमाम की ओर से पेश वकील तालिब मुस्तफा ने बोला कि दरअसल, शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका पर पहले कड़कड़डूमा न्यायालय के एडिशनल न्यायधीश अमिताभ रावत सुनवाई कर रहे थे। उनके ट्रांसफर होने के बाद न्यायधीश समीर बाजपेई ने इस मुद्दे पर नए सिरे से सुनवाई करने का आदेश दिया था। इसके बाद शरजील इमाम ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।
कड़कड़डूमा न्यायालय में सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने बोला था कि प्रावधानों में कुछ भ्रम है। उन्होंने बोला था कि प्रश्न ये है कि क्या यूएपीए के अनुसार कोई आरोपित आधी सजा पूरी करने के बाद क्राइम प्रक्रिया संहिता की धारा 436ए के अनुसार जमानत पाने का हकदार है। उन्होंने बोला था कि वे दो सप्ताह में इस पर स्पष्टीकरण दे देंगे।
अमित प्रसाद की दलील का शरजील इमाम की ओर से पेश वकील तालिब मुस्तफा ने विरोध करते हुए बोला था कि वे गुनेहगार सिद्ध होने के बाद के प्रावधानों का जिक्र कर रहे हैं जबकि शरजील इमाम अभी विचाराधीन कैदी है। इसलिए ये दलील ठीक नहीं मानी जा सकती है। तालिब मुस्तफा ने बोला था कि शरजील इमाम की जमानत याचिका पर निर्णय दो महीने से सुरक्षित है। अब और प्रतीक्षा नहीं किया जा सकता है।
दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के विरुद्ध यूएपीए के अनुसार दाखिल चार्जशीट में बोला है कि शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने की जी तोड़ प्रयास कर रहा था। दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 153ए, 153बी और 505(2) के अनुसार एफआईआर दर्ज की थी।