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राज्यसभा से पारित हुआ नए क्रिमिनल लॉ बिल, अमित शाह बोले…

नई दिल्ली, 21 दिसंबर (आईएएनएस) राज्यसभा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय इन्साफ संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक पारित कर दिया है गुरुवार को यह बिल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा के समक्ष रखे थे, जिसे ध्वनि मत से पारित किया गया

नया कानून बनने पर धारा 375 और 376 की स्थान दुष्कर्म की धारा 63 होगी सामूहिक दुष्कर्म की धारा 70 होगी, मर्डर के लिए धारा 302 की स्थान धारा 101 होगी यह तीनों बिल लोकसभा द्वारा पहले ही पारित किए जा चुके हैं अब, राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति के बाद ये बिल कानून बन जाएंगे बिल पारित होने के उपरांत राज्यसभा भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई

बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, “आज मैं जो बिल राज्यसभा में लेकर आया हूं, उनका उद्देश्य दंड देने का नहीं है, इसका उद्देश्य इन्साफ देना है इन विधेयकों की आत्मा भारतीय है व्यास, बृहस्पति, कात्यान, चाणक्य, वात्स्यायन, देवनाथ ठाकुर, जयंत भट्ट, रघुनाथ शिरोमणि अनेक लोगों ने जो इन्साफ का सिद्धांत दिया है, उसे इसमें कॉन्सेप्टुलाइज़ किया गया है

गृहमंत्री ने कहा कि राष्ट्र के 97 प्रतिशत थानों का डिजिटलाइजेशन हो चुका है 82 फीसदी पुलिस स्टेशनों का रिकॉर्ड डिजिटल हो गया है एफआईआर से लेकर जजमेंट तक पूरी प्रक्रिया औनलाइन हो जाएगी जीरो एफआईआर और ई-एफआईआर होगी देशभर के सारे सीसीटीवी कैमरा चाहे वे कहीं भी लगे हों, सिस्टम के साथ इंटीग्रेटेड हो जाएंगे

गृह मंत्री ने बोला कि स्वराज मतलब स्वधर्म को आगे बढ़ाना है, स्व भाषा को जो आगे बढ़ाए, वह स्वराज है जो स्व संस्कृति को आगे बढ़ाए वह स्वराज है स्व शासन को जो प्रस्थापित करें, वह स्वराज है गृह मंत्री ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए बोला कि गांधी जी ने शासन बदलाव की लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने स्वराज की लड़ाई लड़ी थी मैं इस सदन को आश्वासन देता हूं कि यह कानून लागू होने के उपरांत तारीख पर तारीख का जमाना चला जाएगा 3 वर्ष में किसी भी पीड़ित को इन्साफ मिल जाए, ऐसी इन्साफ प्रणाली इस राष्ट्र के अंदर प्रतिस्थापित होगी

उन्होंने बोला कि आज उपस्थित सारी तकनीक से लेकर आने वाले सौ सालों की तकनीक, सभी को केवल नियमों में बदलाव करके समाहित किया जा सकेगा, इस बिल में इतनी दूरदर्शिता रखी गई है चार दशक तक आतंकवाद का दंश झेलने के बावजूद राष्ट्र की आपराधिक इन्साफ प्रणाली में आतंकवाद की परिभाषा तक नहीं थी, अब इसमें आतंकवाद की परिभाषा को शामिल किया गया है राजद्रोह कानून के अंग्रेजी कॉन्सेप्ट को खत्म कर दिया गया है गवर्नमेंट के विरुद्ध कोई भी बोल सकता है, लेकिन राष्ट्र के विरुद्ध अब नहीं बोल सकते हैं राष्ट्र के विरुद्ध बोलने या कार्रवाई करने पर सजा का प्रावधान किया गया है

उन्होंने बोला कि नया कानून लागू होने से शीघ्र इन्साफ मिलेगा गरीब आदमी के लिए इन्साफ महंगा नहीं होगा नागरिक सुरक्षा संहिता में 9 नए सेक्शन और 39 नए सब सेक्शन जुड़े हैं, 44 नयी व्याख्याएं और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं 14 धाराओं को खारिज किया गया है भारतीय इन्साफ संहिता में 21 नए अपराधों को जोड़ा गया है, जिसमें एक नया क्राइम माॅब लिंचिंग का है

उन्होंने कहा, “विपक्ष हम पर इल्जाम लगाते थे कि आप माॅब लिंचिंग पर प्रोटेक्ट करते हो आपने तो कभी कानून बनाया नहीं, पर हमने कानून बना दिया मानव वध से बड़ा कोई गुनाह नहीं हो सकता 41 अपराधों में सजा को बढ़ाया गया है 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ाया गया है 25 अपराधों में न्यूनतम सजा की आरंभ की है 6 अपराधों में सामूहिक सेवा को दंड के रूप में स्वीकार किया गया है और 19 धाराओं को खारिज किया गया है

इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम के भीतर 170 धाराएं होंगी, 24 धाराओं में परिवर्तन किया है नयी धाराएं और उपाधाराएं जोड़ी गई हैं

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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