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केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब AAP गोवा चीफ पर शिकंजा, ED ने शुरू की पूछताछ

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब आम आदमी पार्टी के गोवा चीफ और अन्य नेताओं पर शिकंजा कसना प्रारम्भ हो गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को आप गोवा यूनिट के प्रमुख अमित पालेकर और अन्य तीन नेताओं से मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे में पूछताछ प्रारम्भ की है. प्रवर्तन निदेशालय ने पालेकर, आप नेता- रामराव वाघ, दत्तप्रसाद नाइक और अशोक नाइक को समन भेजा था.

सूत्रों का दावा है कि आप गोवा प्रमुख और अन्य से हो रही पूछताछ का मुद्दा दिल्ली शराब घोटाले में हुई मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे से जुड़ा हुआ है. इसी मुद्दे में दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कई अन्य आप नेताओं की गिरफ्तारी हो चुकी है. दत्तप्रसाद और अशोक गोवा में भंडारी समुदाय के नेता हैं. पालेकर दोपहर 12.10 बजे प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय पहुंचे, जबकि तीन अन्य उनसे पहले 11.15 बजे वहां पहुंचे.

ईडी कार्यालय में प्रवेश करने से पहले पालेकर ने सिर्फ़ इतना कहा, “मुझे बुलाया गया है. वापस आने के बाद मैं आप सभी से बात करूंगा.” लंच ब्रेक के लिए दोपहर करीब 2 बजे कार्यालय से बाहर आने के बाद पालेकर ने कहा, “मैं यह नहीं बता सकता कि जांच किस बारे में है. मैं जांच में शामिल हो गया हूं. वे मुझसे जो भी प्रश्न पछ रहे हैं, मैं उत्तर दे रहा हूं.” उन्होंने बोला कि उनसे मुद्दे से जुड़े आंकड़े लाने को बोला गया है. उन्होंने कहा, “ईडी ने मुझसे जो भी डेटा लाने को बोला है, मैं लाऊंगा…वे अपना काम कर रहे हैं, मैं एक नागरिक के रूप में अपना काम करूंगा.

लंच ब्रेक के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे दोबारा पूछताछ प्रारम्भ की. गोवा में आम आदमी पार्टी के विधायक वेन्जी वीगास और क्रूज़ सिल्वा सहित आप के कई नेता पालेकर और अन्य के साथ एकजुटता दिखाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय के बाहर उपस्थित थे. वीगास ने इल्जाम लगाया कि कुछ लोगों से बयान लेने की प्रयास की जा रही है ताकि वे मुकदमा दर्ज करा सकें और केजरीवाल को जमानत देने से इनकार कर सकें. उन्होंने कहा, ”आप नेताओं के बीच भय का माहौल पैदा किया जा रहा है.” उन्होंने आगे बोला कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर समाचार फैलाई गई है कि गुड फ्राइडे के दिन अधिकारी दोनों विधायकों के दरवाजे खटखटाएंगे और उन्हें अरैस्ट कर लिया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि इस ‘नौटंकी’ का उद्देश्य इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले से लोगों का ध्यान भटकाना था.

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