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इस मामले में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र

नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने ‘‘धन लेकर प्रश्न पूछने” के मुद्दे (Cash For Query Case) में तृणमूल कांग्रेस पार्टी की नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के विरुद्ध आचार समिति की कार्रवाई को लेकर लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) को शनिवार को पत्र लिखकर निष्कासन को ‘अत्यंत गंभीर दंड’ करार दिया साथ ही चौधरी ने नियमों तथा संसदीय समितियों के कामकाज पर पुनर्विचार की मांग की

चौधरी ने चार पृष्ठों वाले अपने पत्र में बोला कि विशेषाधिकार समिति और आचार समिति के लिए उल्लेखित भूमिकाओं में कोई साफ सीमांकन नहीं है, विशेष रूप से दंडात्मक शक्तियों के प्रयोग के मामलों में कांग्रेस पार्टी नेता ने बोला कि इसके अतिरिक्त ‘‘अनैतिक आचरण” की कोई साफ परिभाषा नहीं है और प्रक्रिया नियमावली के नियम 316बी के अनुसार परिकल्पित ‘आचार संहिता’ तैयार की जानी बाकी है पत्र में उन्होंने बोला कि इन मुद्दों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है और यह काम अध्यक्ष के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए

चौधरी लोक लेखा समिति के अध्यक्ष भी हैं उन्होंने बोला कि उनके द्वारा व्यक्त किए गए विचार निजी हैं ‘‘धन लेकर प्रश्न पूछने” के मुद्दे में आचार समिति की रिपोर्ट सोमवार को निचले सदन में पेश की जाएगी इस रिपोर्ट में मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई है समिति ने नौ नवंबर को एक बैठक में ‘‘धन लेकर प्रश्न पूछने” के इल्जाम में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश संबंधी अपनी रिपोर्ट को स्वीकृति दी थी

लोकसभा सचिवालय द्वारा वितरित कार्यसूची के मुताबिक आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर समिति की पहली रिपोर्ट सदन के पटल पर रखेंगे ‘धन लेकर प्रश्न पूछने’ के इल्जाम में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासन की सिफारिश वाली रिपोर्ट को आचार समिति ने 9 नवंबर की अपनी बैठक में स्वीकृति दी थी   चौधरी ने अपने पत्र में कहा,‘‘ मैं अपनी राय आपके सामने रखने की मंशा से आपको पत्र लिख रखा हूं, ये मेरे निजी विचार हैं संसदीय समितियों के कामकाज से संबंधित नियमों और प्रक्रियाओं पर पुनर्विचार और मुनासिब समीक्षा की जरूरत है…

उन्होंने बोला कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि सदस्य अतिसंवेदनशील नहीं बनें और स्वयं को ‘अप्रिय स्थिति’ में नहीं पाएं इसके लिए लोकसभा के आधिकारिक पोर्टल के कामकाज से संबंधित नियमों पर गौर करना होगा और समीक्षा करनी होगी चौधरी ने पत्र में कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व और नियंत्रण में कोई अन्याय नहीं होगा और संसद की कार्यवाही तथा सदन का कामकाज सभी सदस्यों के फायदा के लिए सुगम बनाया जाएगा

महुआ के विरुद्ध ‘‘पैसे लेकर प्रश्न पूछने” के आरोपों की जांच कर रही लोकसभा की आचार समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर डालने वाले ‘‘अनैतिक आचरण” के आधार पर उन्हें संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की है

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ के विरुद्ध लोकसभा अध्यक्ष से कम्पलेन की थी और उन पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह तथा पीएम नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में पैसे लेकर प्रश्न पूछने का इल्जाम लगाया था वहीं, मोइत्रा ने लोकसभा की आचार समिति की निष्कासन संबंधी सिफारिश को खारिज करते हुए इसे ‘एक तथाकथित मनमानी न्यायालय द्वारा पहले से किया गया फिक्स मैच’ करार दिया और बोला था कि यह हिंदुस्तान में ‘‘लोकतंत्र की मौत” है

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