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बहरामपुर लोकसभा सीट पर 3-3 दिग्गजों के बीच होगी कांटे की टक्कर

लोकसभा चुनावों की तारीखों का घोषणा हो चुका है और अनेक सीटों पर अब कांटे की लड़ाई नजर आने लगी है. ऐसी ही सीटों में पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट भी शामिल है. इस सीट पर एक या दो नहीं बल्कि 3-3 दिग्गजों के बीच कांटे की भिड़न्त की आसार जताई जा रही है. बहरामपुर से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी मैदान में हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर युसूफ पठान को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, इस सीट पर इतिहास बदलने की प्रयास कर रही भाजपा की उम्मीदें अपने कैंडिडेट निर्मल कुमार साहा पर टिकी हैं.

क्या रहा है बहरामपुर लोकसभा सीट का इतिहास

पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से एक बहरामपुर को पहले बेहरामपुर के नाम से जाना जाता था. इस सीट पर 1952 से लेकर 1980 तक रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के त्रिदिब चौधरी सांसद रहे हैं. 1984 में यहां से कांग्रेस पार्टी नेता आतिश चंद्रा ने जीत दर्ज की जबकि 1989 से लेकर 1998 तक फिर से रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी का दबदबा रहा. मौजूदा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस सीट पर पहली बार 1999 में जीत दर्ज की थी और तबसे बहरामपुर में अपनी पार्टी का परचम वह लगातार लहराते आ रहे हैं. 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा और TMC, दोनों ही बंगाल में कांग्रेस पार्टी के इस मजबूत गढ़ को जीत करने की पूरी प्रयास करेंगी.

क्या अपने गढ़ को बचा पाएंगे अधीर रंजन चौधरी?

2024 के लोकसभा चुनावों के चौथे चरण में 13 मई को जब बहरामपुर में वोट पड़ रहे होंगे तब सबके मन में एक ही प्रश्न होगा कि क्या कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता अधीर रंजन चौधरी अपने गढ़ को बचा पाएंगे? चौधरी इस सीट पर 1999 से लगातार जीतते आ रहे हैं. बंगाल जैसे सूबे में अपना गढ़ बरकरार रखने की काबिलियत ने ही उन्हें लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता का दर्जा दिलाया है. चौधरी कांग्रेस पार्टी की पश्चिम बंगाल ईकाई के अध्यक्ष भी हैं. वह 2012 से 2014 तक केंद्र में रेल राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. वह 1996 से 1999 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य भी थे.

अब राजनीति की पिच पर बैटिंग करेंगे युसूफ पठान

अपनी तूफानी पारियों के लिए प्रसिद्ध क्रिकेटर युसूफ पठान को राजनीति की पिच पर उतारकर तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने एक बड़ा दांव खेला है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि युसूफ बहरामपुर में अधीर रंजन चौधरी की राह कठिन कर सकते हैं. युसूफ ने क्रिकेट के मैदान पर भले ही अपने चौकों और छक्कों से हिंदुस्तान को कई मैच जिताने में सहायता की है, लेकिन राजनीति की पिच पर वह एकदम ही नए हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरने के लिए अधीर रंजन चौधरी और निर्मल कुमार साहा की चुनौती से वह कैसे पार पाते हैं.

निर्मल कुमार साहा के रूप में बीजेपी का  बड़ा दांव

भारतीय जनता पार्टी ने बहरामपुर की सीट से चिकित्सक निर्मल कुमार साहा को मैदान में उतारा है. बता दें कि निर्मल कुमार साहा ने अपने नाम के घोषणा के बाद बोला था कि वह एक सैनिक की तरह इस चुनाव में लड़ेंगे. उन्होंने बोला था कि वह विकसित हिंदुस्तान का संदेश हर घर तक पहुंचाएंगे. बताया जा रहा है कि अपनी साफ-सुधरी छवि के चलते निर्मल कुमार साहा इस सीट पर अपने विरोधियों को चौंका सकते हैं. ऐसे में तीनों उम्मीदवारों की स्थिति का आंकलन करने के बाद बोला जा सकता है कि बहरामपुर की सीट पर इस बार लड़ाई दिलचस्प होने वाली है.

बंगाल में 7 चरणों में संपन्न होंगे लोकसभा चुनाव

2019 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो भाजपा ने अपने बहुत बढ़िया प्रदर्शन से पूरे विपक्ष को सकते में डाल दिया था. पार्टी ने सूबे में लोकसभा की 42 में से 18 सीटें जीतकर तहलका मचा दिया था जबकि तृणमूल कांग्रेस पार्टी को 22 सीटें मिली थीं. कांग्रेस पार्टी को इन चुनावों में 2 सीटों पर जीत मिली थी जिनमें से एक अधीर रंजन चौधरी की थी. 2024 के लोकसभा चुनावों में मतदान 7 चरणों में 19 अप्रैल को प्रारम्भ होगा और 1 जून को समाप्त होगा. इन चुनावों के लिए मतगणना 4 जून को होगी. पश्चिम बंगाल में भी सभी सातों चरणों में वोट डाले जाएंगे, और बहरामपुर की सीट पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा

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