कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर पूर्वोत्तर के इस राज्य को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और कहा…
नयी दिल्ली: कांग्रेस पार्टी (Congress) ने मणिपुर के मामले (Manipur Violence) को लेकर मंगलवार को पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Modi) पर पूर्वोत्तर के इस राज्य को नजरअंदाज करने का इल्जाम लगाया और बोला कि वह अपनी ज़िम्मेदारी एवं जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मणिपुर में अत्याचार भड़कने और राज्य में सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का आज 175वां दिन है। लेकिन स्वयं मणिपुर की जनता और राज्य में मेल-मिलाप एवं परस्पर विश्वास पैदा करने की प्रक्रिया को गति देने के पक्षधर लोगों द्वारा पूछे जाते रहे हैं।”
उन्होंने प्रश्न किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने मणिपुर के सीएम और राज्य के निर्वाचित विधायकों से भी मुलाकात क्यों नहीं की, जिनमें से अधिकतर उनकी अपनी पार्टी के हैं या उनकी पार्टी के सहयोगी हैं?”
मणिपुर में अत्याचार भड़कने और राज्य में सामाजिक सद्भाव बिगड़ने का आज 175वां दिन है। लेकिन मणिपुर की जनता और उन सभी लोगों के पांच प्रश्न अभी भी हैं, जो राज्य में शांति और विश्वास निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
1. पीएम ने मणिपुर के सीएम और राज्य के…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 24, 2023
लोकसभा में मणिपुर (इनर) क्षेत्र का अगुवाई करने वाले विदेश राज्य मंत्री (राजकुमार रंजन सिंह) पीएम से क्यों नहीं मिल पाए हैं? रमेश ने यह भी पूछा, ‘‘सभी विषयों पर बोलने वाले पीएम ने मणिपुर पर सार्वजनिक रूप से अधिकतम 4-5 मिनट से अधिक कहना क्यों मुनासिब नहीं समझा, वह भी नियमित ढंग से और विपक्ष के भारी दबाव के बाद?”
उन्होंने कहा, ‘‘जिस पीएम को बिना सोच-विचार के यात्रा करना पसंद है, उन्होंने अपनी चिंता दिखाने के लिए मणिपुर में कुछ घंटे बिताना भी मुनासिब क्यों नहीं समझा? जो सीएम मणिपुर के समाज के सभी वर्गों में इतनी बुरी तरह से बदनाम हो गए हैं, उनको अभी भी पद पर बने रहने की अनुमति क्यों दी जा रही है?”
उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर और पूरे पूर्वोत्तर के लोग करीब से देख रहे हैं कि कैसे पीएम ने मणिपुर राज्य को ऐसे समय में छोड़ दिया है, जब उनके हस्तक्षेप और मौजूदगी की सबसे अधिक आवश्यकता थी। संकट को पूरी तरह से नजरअंदाज करके वह ज़िम्मेदारी और जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।