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अग्नि सुरक्षा के मुद्दे को हल्के में लेने के लिए नगर पालिका और अग्नि सुरक्षा विभाग को बॉम्बे हाई कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार

मुंबई: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने हाउसिंग सोसाइटियों को इमारत के प्रवेश द्वार पर कैंटिलीवर या स्टैक पार्क करने की अनुमति देते समय अग्नि सुरक्षा के मामले को हल्के में लेने के लिए नगर पालिका और अग्नि सुरक्षा विभाग को कड़ी फटकार लगाई है

बोरीवली में आरबीआई के कर्मचारियों की इमारत आशीष कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड में 13 मंजिल हैं, इसलिए इसकी दमकल गाड़ियां मुख्य सड़क से इमारत तक पहुंच सकती हैं गौतम पटेल एवं कु कमाल खांटा ने कड़ी विरोध जताई

न्यायाधीशों ने बोला कि अग्नि सुरक्षा को माफ नहीं किया जा सकता क्योंकि बिल्डर ने अतिरिक्त निर्माण के लिए नगर पालिका को अग्नि सुरक्षा प्रीमियम का भुगतान किया है अदालत ने कहा, किसी को भी पैसे लेकर स्थापित सुरक्षा नियमों के उल्लंघन को माफ करने की शक्ति नहीं है

उच्च कोर्ट नेत्र बीमारी जानकार राहुल जैन द्वारा दाखिल एक आवेदन पर सुनवाई कर रहा था, जो इमारत के भूतल पर एक नेत्र हॉस्पिटल चलाता है उन्होंने बोला कि इमारत के प्रवेश द्वार पर सात कैंटिलीवर कार पार्किंग की अनुमति देने से अग्निशमन वाहनों या एम्बुलेंस जैसे इमरजेंसी वाहनों के लिए कोई खुली स्थान नहीं बचती है, जो अग्नि सुरक्षा और भवन नियमों के विरुद्ध है

डॉक्टर ने यह बिल्डिंग 2019 में खरीदी थी 2021 में, डेवलपर ने दो अतिरिक्त मंजिलें बनाने की योजना में संशोधन किया, जिसका अर्थ अतिरिक्त पार्किंग होगा

उनके वकील ने फोटोज़ भी पेश कीं जिनमें साफ दिख रहा है कि सड़क अवरुद्ध है डेवलपर द्वारा प्रीमियम का भुगतान करने के बाद अनुमति दी जाती है

नगर पालिका के हलफनामे के अनुसार, नगर पालिका प्रमुख ने 2013 में राहत दी थी और सभी संशोधित योजनाएं विकास नियंत्रण योजना 2034 के मुताबिक थीं अग्निशमन विभाग ने दावा किया कि अग्नि सुरक्षा का कोई उल्लंघन नहीं हुआ इसके अलावा, इमारत की ऊंचाई 32 मीटर से कम है और मुख्य सड़क से पहुंचा जा सकता है यह भी तर्क दिया गया कि एक छोटी एम्बुलेंस कैंटिलीवर के नीचे जा सकती है

हम नगर पालिका और अग्निशमन विभाग के हलफनामे के बारे में बहुत कुछ कह सकते हैं क्योंकि तस्वीरों से यह साफ है कि पार्किंग के कारण सोसायटी भवन का निकास अवरुद्ध है और याचिकाकर्ता के हॉस्पिटल तक पैदल नहीं पहुंचा जा सकता है

दिसंबर में याचिकाकर्ता के नोटिस देने के बावजूद सोसायटी की ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ कैंटिलीवर पार्किंग हटाने से सोसायटी पर असर पड़ेगा हाईकोर्ट ने यह कहते हुए सुनवाई 1 जनवरी को रखी है कि हम समाज को एक और मौका देना चाहते हैं

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