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दक्षिण कोरिया के इस स्थान से है अयोध्या का पौराणिक नाता

अयोध्या का नाता केवल नेपाल से ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई और राष्ट्रों से भी सीधे जुड़ा है इन्हीं राष्ट्रों में से एक है दक्षिण कोरिया क्या आप जानते हैं कि दक्षिण कोरिया और अयोध्या के बीच में एक बहुत खास पौराणिक नाता है इसी लिए  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को अयोध्या की ‘सिस्टर सिटी’ कहे जाने वाले दक्षिण कोरिया गिम्हे शहर का दौरा किया वहां के मेयर के नेतृत्व में जयशंकर ने एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और बोला कि दोनों शहरों के बीच जुड़ाव ‘‘हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत’’ तथा लंबे समय से लोगों के आपसी रिश्तों का प्रमाण हैं

बता दें कि गिम्हे शहर दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल से लगभग 330 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है कोरियाई पौराणिक कथा के मुताबिक लगभग 2,000 वर्ष पहले अयोध्या की एक युवा राजकुमारी ने नौका में समुद्र पार किया, लगभग 4,500 किलोमीटर की दूरी तय करके कोरिया पहुंची और राजा किम सुरो से विवाह की, जिन्होंने उत्तर एशियाई राष्ट्र में गया साम्राज्य की स्थापना की राजकुमारी सुरीरत्ना, फिर रानी हियो ह्वांग-ओक बन गईं स्वयं को सुरीरत्ना का वंशज मानने वाले दक्षिण कोरिया के करीब 60 लाख लोग अयोध्या को अपना ननिहाल मानते हैं

दक्षिण कोरिया के इस शहर के लोग अयोध्या को मानते हैं ननिहाल

विदेश मंत्री ने बैठक के बाद की एक तस्वीर के साथ ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज गिम्हे शहर के मेयर होंग ताए-योंग से मिलकर खुशी हुई गिम्हे-अयोध्या संपर्क हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत और लंबे समय से लोगों के आपसी संबंधों का प्रमाण है गिम्हे सिटी के साथ व्यापक सांस्कृतिक और शैक्षिक योगदान पर चर्चा की दक्षिण कोरिया के लोग अयोध्या को ननिहाल मानते हैं’’ जयशंकर ने यूपी के अयोध्या में हाल में उद्घाटन किए गए राम मंदिर की एक छोटी प्रतिकृति उपहार में दी विदेश मंत्रालय के एक बयान में बोला गया है कि उनकी यात्रा ने ‘‘दोनों राष्ट्रों के बीच सदियों पुराने सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों को संजोने का मौका दिया’’ बयान में बोला गया, ‘‘भारत कोरियाई लोगों के साथ रिश्तेदारी का एक प्राचीन बंधन साझा करता है, जिसे अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना ने निभाया था, जिन्हें कोरिया गणराज्य में रानी हियो ह्वांग-ओके के नाम से जाना जाता है

’’ कारक वंश के कई सदस्य हर वर्ष क्वीन हियो मेमोरियल पार्क में रानी हियो ह्वांग-ओके के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अयोध्या आते हैं, जिसे 2001 में यूपी गवर्नमेंट और गिम्हे शहर के बीच साझेदारी में अयोध्या में सरयू नदी के तट पर स्थापित किया गया था

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