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‘हनुमान दीक्षा पोशाक’ पहनकर पहुंचे छात्र, स्कूल प्रशासन ने कक्षा में जाने से रोका, हुआ बवाल

हैदराबाद: तेलंगाना से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ एक ईसाई मिशनरी विद्यालय में विद्यार्थियों के धार्मिक पोशाक पहनने पर विद्यालय प्रशासन ने विरोध व्यक्त की, तत्पश्चात, तनाव पैदा हो गया तथा विद्यालय में तोड़फोड़ की घटना हुई. यह घटना 16 अप्रैल 2024 को मंचेरियल जिले के कन्नेपल्ली गाँव में लक्सेटिपेट के मदर टेरेसा विद्यालय में हुई. यहाँ पर कुछ हिंदू विद्यार्थी ‘हनुमान दीक्षा पोशाक’ पहनकर पहुँचे थे.

भगवा रंग की धार्मिक पोशाक पहने हुए विद्यार्थियों को कथित सूचित किया गया था कि यदि वे बिना विद्यालय यूनीफॉर्म के विद्यालय आना चाहते हैं तो उनके माता-पिता को इसके लिए पहले इजाजत लेनी होगी. जब विद्यार्थी भगवा कपड़े एवं माला पहनकर आए तो विद्यालय के प्रिंसिपल ने उन्हें क्लास में जाने की इजाजत नहीं दी. उन्हें तब तक बाहर खड़ा रखा गया, जब तक वे अपने माता-पिता को विद्यालय नहीं बुला लाए. विद्यार्थियों द्वारा अपने माता-पिता को इसकी समाचार दी गई तो एक धार्मिक समूह के सदस्य विद्यालय के बाहर पहुँचे और विरोध करना आरंम्भ कर दिया. उन्होंने विद्यार्थियों को उनकी पोशाक की वजह से विद्यालय में प्रवेश करने तथा उनकी वार्षिक परीक्षाओं में बैठने की इजाजत नहीं देने के लिए विद्यालय प्रबंधन के विरुद्ध कार्रवाई की माँग की.

वही कुछ देर बाद में कुछ प्रदर्शनकारी विद्यालय में घुस गए तथा खिड़कियों में तोड़फोड़ प्रारम्भ कर दिया. इस के चलते उन्होंने विद्यालय के हेडमास्टर समेत कर्मचारियों के साथ हाथापाई की. इसकी समाचार पुलिस को दी गई तो वह मौके पर पहुँची और स्थिति को नियंत्रित करने की प्रयास करने लगी. इस के चलते प्रदर्शनकारी विद्यालय स्टाफ से माफी की माँग कर रहे थे. वहीं, विद्यालय प्रबंधन ने तोड़फोड़ को लेकर प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध कम्पलेन दर्ज कराई है. इस बीच, परिजनों ने भी विद्यालय के विरुद्ध उनके बच्चों को कक्षा में प्रवेश नहीं करने देने की कम्पलेन दर्ज करायी है. मुद्दा धारा 153 (ए) (धर्म या नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295 (ए) (धार्मिक भावनाओं का अपमान) के अनुसार दर्ज कर लिया गया.

अभिभावकों ने विद्यालय प्रशासन पर पक्षपात करने का इल्जाम लगाते हुए बोला कि विद्यार्थियों ने 21 दिवसीय विशेष धार्मिक अनुष्ठान के अनुसार धार्मिक पोशाक पहन रखी थी. उन्होंने बोला कि विद्यालय एक समुदाय की धार्मिक प्रार्थना की अनुमति देता है, किन्तु वे हनुमान दीक्षा के चलते विद्यार्थियों को धार्मिक पोशाक पहनने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. घटना के बारे में बात करते हुए मंचेरियल के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अशोक कुमार ने कहा, “परीक्षाएँ चल रही थीं. परीक्षा के पश्चात् प्रिंसिपल ने विद्यार्थियों से बोला कि वे यूनीफॉर्म में आएँ. यदि वे भगवा कपड़े पहनना चाहते हैं तो उन्हें इजाजत लेनी होगी. इससे माता-पिता भड़क गए. पहले भी प्रिंसिपल के विरुद्ध कुछ शिकायतें थीं और यह बात अभिभावकों के मन में थी.

DCP अशोक कुमार ने आगे कहा, “मंगलवार का दिन था और पास में ही एक मंदिर है. मुद्दा बढ़ गया तथा फिर तोड़फोड़ हुई.” पुलिस ने बताया, युवा 21 दिन की अराधना कर रहे थे जिसे ‘हनुमान दीक्षा’ के नाम से जाना जाता है. दांडेपल्ली पुलिस ने विद्यालय प्रबंधन एवं बच्चों के माता-पिता के आरोपों के उत्तर में दो FIR दर्ज की हैं. अपराधियों की पहचान के लिए पुलिस वीडियो देख रही है. अपनी कम्पलेन में विद्यालय प्रशासन ने चार संदिग्धों समेत कई लोगों पर परिसर में घुसने, विद्यालय स्टाफ को जबरन हिरासत में लेने की तैयारी करने, उस पर शारीरिक धावा करने तथाकक्षा की खिड़कियाँ तोड़ने का इल्जाम लगाया है. उन्होंने 30,000 रुपए मूल्य की संपत्ति के हानि का दावा किया है तथा बोला है कि गेट और मदर टेरेसा की एक मूर्ति को तोड़ दिया गया है.

स्कलू की देखरेख करने वाले मिशनरी कॉन्ग्रिगेशन ऑफ द ब्लेस्ड सैक्रामेंट (एमसीबीएस) के सदस्य एवं विद्यालय के स्टाफ फादर जैमन जोसेफ के मुताबिक, विद्यार्थियों को 15 अप्रैल को परीक्षा देने की अनुमति दी गई थी. उन्होंने कहा, “गलत समाचार को सोशल मीडिया पर फैलाई गई, जिसकी वजह से मंगलवार की प्रातः 500 से अधिक लोग विद्यालय पहुँचे और तकरीबन चार घंटे तक धावा किया. यह पूर्व नियोजित था.” आगे उन्होंने कहा, “प्रिंसिपल ने सोमवार दोपहर विद्यार्थियों से बोला कि उन्हें भगवा कपड़े पहनकर आने की अनुमति लेनी होगी. यदि उनके माता-पिता ने हमें टेलीफोन भी किया होता तो हम अनुमति दे देते. मंगलवार की प्रातः भी एक विद्यार्थी भगवा कपड़े में आया और हमने उस विद्यार्थी को नहीं रोका. तब तक एक बड़ी भीड़ विद्यालय में आ गई तथा हम पर धावा कर दिया.

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