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सीएम केजरीवाल ने कहा, ईडी का मकसद आम आदमी पार्टी को है कुचलना

नई दिल्ली. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मुद्दे में राउज़ एवेन्यू न्यायालय ने 1अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने
पहले कहा, “यह इल्जाम लगाया जा रहा है कि यह 100 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार था
ईडी का मकसद आम आदमी पार्टी को कुचलना है.

दिल्ली के
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन हस्तांतरित
करने के लिए हवाला ऑपरेटरों के इस्तेमाल के खुलासे के बाद 21 मार्च को
गिरफ्तार कर लिया था. वित्तीय जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, धन का
हस्तांतण चुनावों, बैठकों और होटलों पर खर्च के लिए किया जा रहा था.

ईडी
के अनुसार, केजरीवाल ने अपनी आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य शीर्ष नेताओं के
साथ कथित तौर पर दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के संबंध में 100 करोड़ रुपये
की रिश्‍वत ली, और यह पैसा कई बिचौलियों के जरिए ट्रांसफर किया गया. इस
प्रक्रिया में बीआरएस एमएलसी के कविता और ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों को
शामिल किया गया.

केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय के नौ समन की अनदेखी की थी,
जिस कारण न्यायालय में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के अनुसार उनके खिलाफ
दो मुद्दे दाखिल किए गए थे.ईडी ने सबूत जुटाने के बाद गिरफ्तारी की.16 मार्च
को प्रवर्तन निदेशालय ने कविता की हिरासत की मांग करते हुए उन्‍हें पिछले दिनों हैदराबाद
से अरैस्ट किया था. वह बीआरएस सुप्रीमो और तेलंगाना के पूर्व
मुख्यमंत्री की बेटी हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने कथित घोटाले में “प्रमुख साजिशकर्ता और
लाभार्थी” के रूप में उसकी कथित संलिप्तता का खुलासा किया.जांच एजेंसी ने
हिरासत में लेने के लिए दाखिल अपनी याचिका में इल्जाम लगाया था कि ‘साउथ
ग्रुप’ के अन्य सदस्यों – सरथ रेड्डी, राघव मगुंटा और मगुंटा श्रीनिवासुलु
रेड्डी के साथ कविता ने मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके डिप्टी सहित आप के शीर्ष
नेताओं के साथ मिलकर षड्यंत्र रची थी. तत्‍कालीन आबकारी मंत्री और डिप्टी सीएम
मनीष सिसोदिया ने उन्हें 100 करोड़ रुपये की रिश्‍वत दी.

अदालत
के समक्ष प्रवर्तन निदेशालय के आवेदन में बोला गया, “आप के नेताओं को दी गई रिश्‍वत के
बदले में उन्हें नीति निर्माण तक पहुंच प्राप्त थी और उनके लिए एक अनुकूल
स्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रावधानों की पेशकश की गई थी.

ईडी
ने यह भी इल्जाम लगाया कि कविता को अपने डमी अरुण पिल्लई के जरिए पेरनोड
रिकार्ड इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड के इस फर्म और वितरण व्यवसाय में पर्याप्त
निवेश किए बिना इंडो स्पिरिट्स की साझेदारी में हिस्सेदारी मिली, जो देश
के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है और इस तरह दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति
2021-22 की अवधि में इंडो स्पिरिट्स को सबसे अधिक लाभदायक एल1 बनाया और
मुनाफे की आड़ में क्राइम की आय कमाई.इसके अलावा, नीति में थोक व्यापारी का
लाभ मार्जिन बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया, ताकि इस मार्जिन में इसका एक
हिस्सा रिश्‍वत के रूप में वापस लिया जा सके. ऐसा गैरकानूनी धन का लगातार प्रवाह
बनाने के लिए किया गया था. आवेदन में दावा किया गया है कि एएपी ने थोक
विक्रेताओं से रिश्‍वत के रूप में और साउथ ग्रुप को भुगतान की गई रिश्‍वत
की वसूली करने और इस पूरी षड्यंत्र से फायदा कमाने के लिए बोला गया.सरथ
रेड्डी, राघव मगुंटा और मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी इस मुद्दे में सरकारी
गवाह बन गए थे.ईडी ने दावा किया कि पीएमएलए की धारा 50 के अनुसार दर्ज
श्रीनिवासुलु रेड्डी के 14 जुलाई, 2023 के बयान और धारा 164 के अनुसार दर्ज
किए गए 17 जुलाई, 2023 के उनके बयान के अनुसार, कविता और अन्य ने आप के
शीर्ष नेताओं को रिश्‍वत दी.

क्या है पूरा मुद्दा ?

दिल्ली
की नयी आबकारी नीति 2021/22 को बनाने और उसके क्रियान्वयन में घोटाले के
आरोपों के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 20 जुलाई, 2022
को मुद्दे में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. जिसके बाद 17 अगस्त 2022 को CBI
ने कम्पलेन दर्ज की थी. जिसमें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को
आरोपी नंबर 1 बनाया था.

आरोप है कि आबकारी नीति के निर्माण के चरण
के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और अन्य अज्ञात और अनाम निजी
व्यक्तियों/संस्थाओं सहित AAP नेताओं द्वारा एक आपराधिक षड्यंत्र रची गई थी और
साउथ लॉबी के शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाया गया. बदलें में करोड़ों
की घूस लेकर चुनाव में खर्च किया गया.

आबकारी मुद्दे में आम आदमी
पार्टी के दो बड़े नेता संजय सिंह और मनीष सिसोदिया पहले से कारावास में हैं.
CBI ने 26 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया और 4 अक्टूबर 2023 को प्रवर्तन निदेशालय ने संजय
सिंह को लंबी पूछताछ के बाद अरैस्ट किया था.

 

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