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बिहार: मोदी की रैली से क्यों गायब रहे नीतीश कुमार, चर्चाओं का रहा दौर

बिहार एनडीए को लोकसभा चुनाव से पहले थोड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा जब बिहार के सीएम नीतीश कुमार पीएम मोदी की रैलियों में शामिल नहीं हुए. गया और पूर्णिया में मंगलवार को हुई बैठक से यह अटकलें तेज हो गयीं कि क्या बीजेपी अपने हालिया अनुभवों को देखते हुए दोनों नेताओं को एक मंच पर आने से बचना चाहती है. संयोग से, पूर्णिया में जेडीयू उम्मीदवार हैं और गया में एनडीए उम्मीदवार हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी हैं, जो 2019 में जेडीयू उम्मीदवार विजय मांझी से हार गए थे.

सूत्रों ने दावा किया कि नीतीश द्वारा पीएम मोदी की उपस्थिति में पिछले लालू-राबड़ी शासन के दौरान हिंदू-मुस्लिम झड़पों का मामला उठाने से बीजेपी असहज थी. राजद नेता तेजस्वी यादव ने राज्य में बीजेपी की चुनावी रैलियों से बिहार के सीएम नीतीश कुमार की अनुपस्थिति पर प्रश्न उठाया. पूर्व उपमुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी पीएम मोदी द्वारा दिन में गया और पूर्णिया में संबोधित रैलियों से जदयू अध्यक्ष कुमार की अनुपस्थिति का जिक्र करते हुए की.

तेजस्वी यादव ने प्रश्न किया कि नीतीश कुमार जी कहां हैं? बीजेपी उन्हें अपनी रैलियों में क्यों नहीं बुला रही है? मंगलवार को पीएम की किसी भी रैली में वह नजर नहीं आए. मेरे मन में अभी भी मुख्यमंत्री के लिए सम्मान है… बीजेपी, जो उनकी वर्तमान सहयोगी है, को इस मुद्दे पर सफाई देने की आवश्यकता है. पीएम के इस इल्जाम पर तीखा पलटवार करते हुए कि राजद विकास के विरुद्ध है और उनके इस प्रश्न पर कि क्या पार्टी का चुनाव चिन्ह लालटेन SmartPhone चार्ज कर सकता है, यादव ने कहा, “इसका क्या मतलब है? क्या वह कीचड़ जिसमें कमल (भाजपा का चुनाव चिन्ह) उगता है, हो सकता है” मोबाइल फ़ोन चार्ज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है?”

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