पिता की मृत्यु के बाद पढ़ाई का संकट, नाना और मामा ने किया सहयोग, बेटी ने 10वीं में किया जिला टॉप
यदि घर के कमाने वाले की मौत हो जाती है, तो पूरा परिवार टूट जाता है। ऐसे में परिवार की स्थिति और खराब होने लगती है। इसी में बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर भी एक बड़ा संकट पड़ने लगता है। लेकिन, मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक ऐसा ही मुद्दा सामने आया है। यहां पर पिता की मौत के बाद बेटी के सामने पढ़ाई का एक संकट खड़ा हो गया था। लेकिन, नाना और मामा ने योगदान किया बेटी को शिक्षा ग्रहण करवाई। अब बेटी ने मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड की ओर से जारी हुए कक्षा दसवीं के परिणाम में बुरहानपुर जिले में 484 अंक प्राप्त कर प्रथम जगह प्राप्त किया है। बेटी ने 96% अंक प्राप्त किए है। बेटी की उपलब्धि पर पूरे परिवार में उत्साह का माहौल है।
लोकल 18 की टीम को बुरहानपुर जिले में माध्यमिक शिक्षा मंडल कक्षा दसवीं में जिले में टॉप करने वाली गौरी फेंगड़े ने जानकारी देते हुए कहा कि 10 वर्ष पहले पिता कन्हैया फेंगडे़ की मौत हो गई थी। नाना कांतिलाल पन्नालाल बारी जो पान की दुकान चलाते थे। उन्होंने बेटी कविता का और नातिन गौरी का सपना नहीं टूटने दिया। शिक्षा ग्रहण करने में योगदान कर आज बेटी ने जिले में टॉप किया है। इस उपलब्धि पर बेटी को पूरे परिवार ने मिठाई खिलाकर शुभकामना दी। बेटी अब डाटा साइंटिस्ट बनना चाहती है। बेटी का बोलना है कि जब मुझे कुछ समझ में नहीं आता था, तो मैं यूट्यूब से देखकर पढ़ाई करती थी। प्रतिदिन 3 घंटे पढ़ाई की है। मैं सेवा सदन हायर सेकेंडरी विद्यालय से पढ़ाई कर रही हूं।
मां चलाती हैं ब्यूटी पार्लर
गौरी की मां कविता फेंगड़े ब्यूटी पार्लर का घर में ही संचालन करती हैं। जब बेटी के जिले में कक्षा दसवीं में टॉप करने की सूचना लगी, तब मां अपने घर में उपस्थित ग्राहकों का फेशियल कर रही थी। मां का बोलना है कि मेरे पति की मृत्यु के बाद में मेरे सभी सपने टूट गए थे। लेकिन मेरे माता-पिता और भाइयों ने मुझे योगदान किया है। आज मैं उनका धन्यवाद करती हूं।