पात्रा चॉल केस में ED ने 73.62 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से किया कुर्क
मुंबई: पीएमएलए प्रावधानों के अनुसार पात्रा चॉल मुकदमा में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 73.62 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। यह घटना गोरेगांव, मुंबई में मेसर्स गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) द्वारा संचालित पात्रा चॉल परियोजना के पुनर्विकास में अनियमितताओं से संबंधित है। कुर्क की गई संपत्तियों में क्रिमिनल प्रवीण राउत एवं उनके नजदीकी सहयोगियों के पालघर, दापोली, रायगढ़ एवं ठाणे एवं उसके आसपास स्थित कई भू-खण्ड सम्मिलित हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्यकारी अभियंता, म्हाडा, मुंबई द्वारा दाखिल कम्पलेन के आधार पर मेसर्स जीएसीपीएल, राकेश कुमार वाधवान, सारंग कुमार वाधवान एवं अन्य के खिलाफ IPC, 1860 की विभिन्न धाराओं के अनुसार आर्थिक क्राइम शाखा (ईओडब्ल्यू), मुंबई द्वारा दर्ज की गई FIR एवं इल्जाम पत्र दिनांक 11 दिसंबर2020 के आधार पर तहकीकात आरम्भ की। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तहकीकात से पता चला कि मेसर्स जीएसीपीएल, जिसे 672 किराएदारों के पुनर्वास के लिए पात्रा चॉल परियोजना के पुनर्विकास का काम सौंपा गया था, जरूरी वित्तीय कदाचार में सम्मिलित रही है। सोसायटी, म्हाडा और जीएसीपीएल के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें डेवलपर (जीएसीपीएल) को 672 किरायेदारों को फ्लैट प्रदान करना था।
इसमें म्हाडा के लिए फ्लैट विकसित करना था एवं उसके पश्चात् शेष भूमि क्षेत्र को बेचना था। हालांकि, मेसर्स जीएसीपीएल के निदेशकों ने म्हाडा को गुमराह किया एवं 672 विस्थापित किरायेदारों लिए पुनर्वास हिस्से और म्हाडा के लिए फ्लैटों का निर्माण किए बिना, 9 डेवलपर्स को फर्जीवाड़ा से फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) बेच कर रुपये 901.79 करोड़ (तकरीबन) की राशि एकत्र करने में सफल रहे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तहकीकात से पता चला है कि पीओसी का एक हिस्सा, जिसका मूल्य 95 करोड़ रुपये है, मेसर्स जीएसीपीएल के निदेशक प्रवीण राउत ने अपने निजी बैंक खातों में भेज दिया था। आय का एक हिस्सा सीधे किसानों या भूमि एग्रीगेटर्स से उनके स्वयं के नाम पर या उनकी फर्म मेसर्स प्रथमेश डेवलपर्स के नाम पर विभिन्न भू-खण्डों के अधिग्रहण के लिए इस्तेमाल किया गया था।
इसके अतिरिक्त, पीओसी का कुछ हिस्सा उसके द्वारा संबद्ध व्यक्तियों/संस्थाओं के पास रखा गया था। इसके अतिरिक्त, प्रवीण राउत द्वारा पीओसी से हासिल की गई कुछ संपत्तियां बाद में उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को उपहार में दे दी थीं। किसानों से अर्जित भू-खंड, परिवार के सदस्यों को उपहार में दी गई संपत्ति एवं प्रवीण राउत और सहयोगियों को पीओसी से प्राप्त समतुल्य संपत्तियों के तौर पर क्राइम की ऐसी पहचानी गई आय को इस पीएओ में कुर्क किया गया है, जिसकी धनराशि 73.62 करोड़ रुपए है।