लालकृष्ण आडवाणी का जन्म पाक के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है. उनके पिता पेशे से एक उद्यमी थे. शुरुआती शिक्षा उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई विद्यालय से ग्रहण की थी. इसके बाद वह हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल विद्यालय में दाखिला लिया.
विभाजन के समय मुंबई आ गए
1947 में आडवाणी राष्ट्र के आजाद होने का उत्सव भी नहीं इंकार सके क्योंकि आजादी के महज कुछ घंटों में ही उन्हें अपने घर को छोड़कर हिंदुस्तान रवाना होना पड़ा. विभाजन के समय उनका परिवार पाक छोड़कर मुंबई आकर बस गया. यहां उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की. उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है. उनके बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है.
सबसे अधिक समय तक बीजेपी में अध्यक्ष रहे
आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने सियासी करियर की आरंभ की थी. कई सालों तक आडवाणी राजस्थान में आरएसएस प्रचारक के काम में लगे रहे. वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने बीजेपी की नींव रखी थी.
1980 से 1990 के बीच आडवाणी ने बीजेपी को एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए काम किया. लालकृष्ण आडवाणी तीन बार (1986 से 1990, 1993 से 1998 और 2004 से 2005) बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं. 1984 में महज दो सीटें हासिल करने वाली पार्टी को अगले लोकसभा चुनावों में 86 सीटें मिलीं. पार्टी की स्थिति 1992 में 121 सीटों और 1996 में 161 पर पहुंच गई. आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर थी और बीजेपी सबसे अधिक संख्या वाली पार्टी बनकर उभरी थी.
अटल गवर्नमेंट में उप-प्रधानमंत्री
वह 1998 से 2004 के बीच बीजेपी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रह चुके हैं. लालकृष्ण आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की गवर्नमेंट में हिंदुस्तान के सातवें उप पीएम का पद संभाल चुके हैं. 10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की किरदार भली–भाँति निभाई है. 2015 नें उन्हें हिंदुस्तान के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
राम मंदिर निर्माण के लिए राम रथ यात्रा
1980 की आरंभ में विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम जन्मभूमि के जगह पर मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन की आरंभ करने लगी. उधर आडवाणी के नेतृत्व में बीजेपी राम मंदिर आंदोलन का चेहरा बन गई. आडवाणी ने 25 सितंबर, 1990 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर सोमनाथ से राम रथ यात्रा प्रारम्भ की थी.
आडवाणी के बारे में 10 खास बातें:
- आडवाणी ने कराची में विद्यालय सेंट पैट्रिक हाईस्कूल में पढ़ाई की है.
- 1947 में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सचिव बने थे.
- 1970 में पहली बार आडवाणी राज्यसभा के सांसद बने थे.
- आडवाणी एक फिल्म समीक्षक रह चुके हैं. उन्हें चॉकलेट, फिल्मों और क्रिकेट का बहुत शौक है.
- 1944 में उन्होंने कराची के मॉडल हाईस्कूल में एक अध्यापक के तौर पर जॉब की थी.
- आडवाणी ने एक पुस्तक लिखी है जिसका नाम- माई कंट्री, माई लाइफ है.
- सभी को चौंकाते हुए 2013 में उन्होंने अपने सभी पदों से त्याग-पत्र दे दिया था.
- 1980 में बीजेपी बनने के बाद से उन्होंने सबसे अधिक समय तक पार्टी के अध्यक्ष का पद संभाला था.
- आडवाणी अभी तक आधा दर्जन से अधिक रथ यात्राएं निकाल चुके हैं. जिनमें ‘राम रथ यात्रा’, ‘जनादेश यात्रा’, ‘स्वर्ण जयंती रथ यात्रा’, ‘भारत उदय यात्रा’ और ‘भारत सुरक्षा यात्रा’ ‘जनचेतना यात्रा’ प्रमुख हैं.