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धन शोधन मामले में छत्तीसगढ़ एमडी मनोज सोनी को किया गया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 175 करोड़ रुपये के कथित चावल मिल घोटाले से जुड़े धन शोधन के मुद्दे में छत्तीसगढ़ ‘मार्कफेड’ के पूर्व व्यवस्था निदेशक (एमडी) मनोज सोनी को अरैस्ट किया है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने कहा कि सोनी को अरैस्ट करने के बाद उसे रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जहां एजेंसी ने पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की मांग की.

उन्होंने कहा कि विशेष न्यायालय ने सोनी को चार मई तक पांच दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है.
संघीय एजेंसी ने पिछले वर्ष एक बयान में बोला था कि इस कथित घोटाले के माध्यम से ‘ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के फायदे’ के लिए 175 करोड़ रुपये की जुटाई गई.

ईडी ने सोनी, राज्य चावल मिल मालिक संघ के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर समेत उसके कुछ पदाधिकारियों, जिला विपणन ऑफिसरों (डीएमओ), कुछ मिल मालिकों के यहां पिछले वर्ष अक्टूबर में छापे मारे थे.
ईडी ने बोला कि यह मुद्दा राज्य की राजधानी रायपुर की एक न्यायालय में इनकम टैक्स विभाग द्वारा दर्ज कम्पलेन पर आधारित है.

आयकर विभाग ने इल्जाम लगाया था कि छत्तीसगढ़ धान मिल मालिक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने राज्य विपणन फेडरेशन लिमिटेड (मार्कफेड) के ऑफिसरों के साथ सांठगांठ की तथा उस विशेष प्रोत्साहन राशि का दुरुपयोग करने की षड्यंत्र ‘रची’ जो धान से चावल निकालने की प्रक्रिया पर मिल मालिकों को राज्य गवर्नमेंट द्वारा प्रति क्विंटल चावल पर 40 रुपये के रूप में दी जाती है.

ईडी ने बोला कि 40 रुपये की इस राशि को काफी बढ़ाकर 120 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया तथा उसका भुगतान 60-60 रुपये की दो किस्तों में किया जाता था.
ईडी ने कहा, ‘‘अपने कोषाध्यक्ष चंद्राकर के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ चावल मिल मालिक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मार्कफेड के व्यवस्था निदेशक सोनी के साथ मिलीभगत की तथा मिल मालिकों से धान से चावल निकालने पर प्रति क्विंटल पर 20 रुपये की घूस वसूलना प्रारम्भ किया.

 

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