राष्ट्रीय

धन, प्रतिशोध की राजनीति और सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के जरिए लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है भाजपा

अहमदाबाद . कांग्रेस पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को बोला कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में राजस्थान के बांसवाड़ा में यह दावा करके अपने पद एवं संविधान की गरिमा को गिराया है कि विपक्षी दल लोगों की संपत्ति को घुसपैठियों और अधिक बच्चे पैदा करने वालों को वितरित करेगा. सिंघवी ने इल्जाम लगाया कि बीजेपी (भाजपा) धन, प्रतिशोध की राजनीति और सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के जरिए लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है.

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य सिंघवी ने कहा, पिछले 75 सालों में किसी भी पीएम ने मिथ्या प्रचार के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है जिनका उन्होंने बांसवाड़ा में और उसके बाद कई बार इस्तेमाल किया. आप 10 वर्ष पीएम रहने के बाद राजनेता के स्तर पर पहुंच गए हैं लेकिन आप ऐसी बातें करके अपने पद और संविधान की गरिमा को कम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, यह हिंदू-मुस्लिम दंगों की बात नहीं है, बल्कि चुनाव की बात है और जब उन्हें (भाजपा) पता चला कि इस तरह के विरासत कर को दो-तीन दशक पहले कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने खत्म कर दिया था तो पीएम ने एक नया जुमला निकाला और बोला कि (पूर्व प्रधानमंत्री) राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी की संपत्ति को विरासत में लेने के लिए ऐसा किया था.

यह पूछे जाने पर कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर यह असत्य फैलाने का इल्जाम लगाया है कि बीजेपी अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को खत्म कर देगी, सिंघवी ने बोला कि उन्हें खुशी है कि कम से कम बीजेपी में कोई जवाबदेही, विषयांतर और मिथ्या प्रचार की बात कर रहा है, काश उसी आदमी ने कुछ सप्ताह पहले बांसवाड़ा और पीएम की अन्य चुनावी रैलियों में इन शब्दों के बारे में बात की होती.

उन्होंने बोला कि इस लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में पीएम के बयानों की पिछले 75 सालों में कोई तुलना नहीं है लेकिन ये सभी कोशिश निश्चित रूप से विफल होंगे जो बीजेपी की हताशा को दर्शाते हैं. सिंघवी ने पीएम के बयान के विरुद्ध कांग्रेस पार्टी की कम्पलेन पर बीजेपी अध्यक्ष को नोटिस भेजने पर निर्वाचन आयोग की भी निंदा की. कांग्रेस पार्टी नेता ने प्रश्न किया, यह एक आदमी के विरुद्ध कम्पलेन है. किसी अन्य आदमी को नोटिस देने का क्या मतलब है. उन्होंने यह भी इल्जाम लगाया कि बीजेपी में नेताओं को लुभाने के लिए ‘विटामिन एम’ (धन का साफ संदर्भ) का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने सूरत लोकसभा चुनाव (जहां बीजेपी उम्मीदवार ने निर्विरोध जीत दर्ज की), चंडीगढ़ महापौर चुनाव और हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में हुई घटनाओं का हवाला दिया.

सिंघवी ने कहा, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बीजेपी के लगभग एक-चौथाई उम्मीदवार अन्य दलों से हैं. बीजेपी द्वारा घोषित 417 उम्मीदवारों में से 116 दलबदलू हैं. निस्संदेह उनमें से ज्यादातर कांग्रेस पार्टी से हैं. उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दलों के विरुद्ध केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और उनके द्वारा दर्ज 99.5 फीसदी सियासी मुद्दे विपक्षी दलों के सदस्यों के विरुद्ध हैं. कांग्रेस पार्टी नेता ने तंज कसते हुए कहा, बीजेपी के पास वॉशिंग मशीन है. यदि कोई आरोपी उस पार्टी में शामिल होता है तो उसे क्लीन चिट मिल जाती है.

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