क्या मुसलमान इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट करेगा, जानिए यहां
उन्होंने बोला कि मुसलमान समाज को जिस तरह के नेता की तलाश थी, वह नेता उन्हें पीएम मोदी के रूप में मिल गया है. उन्होंने बोला कि पहली बार किसी पीएम (नरेंद्र मोदी) ने पसमांदा समाज को भागीदारी देने का काम किया.
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बोला कि इसका ट्रेलर रामपुर और आजमगढ़ (लोकसभा उपचुनाव) में दिख गया है और अब राष्ट्र का मुस्लिम पीएम मोदी के नेतृत्व में काम करना चाहता है. उन्होंने बोला कि पीएम मोदी ने मुसलमान स्त्रियों को तीन तलाक से मुक्ति दिलाई और मुसलमान समाज खासकर मुसलमान बहनों ने ‘ना दूरी है ना खाई है, मोदी हमारा भाई है’ के नारे के साथ पीएम मोदी के साथ जुड़ना प्रारम्भ कर दिया है.
65 सीटों पर मुसलमान वोटर्स की तादाद ज्यादा
आपको बता दें कि बीजेपी ने देशभर में 65 ऐसी लोकसभा सीटों का चयन किया है, जहां मुसलमान मतदाताओं की तादाद 35 फीसदी से अधिक है. मुसलमान बहुल इन 65 लोकसभा सीटों में से सबसे अधिक यूपी में 14 लोकसभा सीट हैं और दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल है, जहां कि 13 लोकसभा सीटों को इसमें शामिल किया गया है. केरल की 8, असम की 7, जम्मू कश्मीर की 5, बिहार की 4, मध्य प्रदेश की 3 और दिल्ली, गोवा, हरियाणा, महाराष्ट्र और तेलंगाना की 2-2 लोकसभा सीट इस लिस्ट में शामिल हैं.
वहीं, तमिलनाडु की एक लोकसभा सीट को इन 65 अल्पसंख्यक बहुल सीटों की सूची में शामिल किया गया है. इनमें से कई लोकसभा क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां मुसलमान मतदाताओं की तादाद 50 फीसदी से भी अधिक है. इन 65 लोकसभा सीटों के अतिरिक्त राष्ट्र में 35 से 40 के लगभग लोकसभा की सीटें ऐसी भी हैं, जहां मुसलमान वोटर्स पूरी तरह से निर्णायक किरदार में भले ही ना हो, लेकिन जीत-हार में जरूरी किरदार निभाते हैं.
भाजपा ने लोकसभा की मुसलमान बहुल इन 100 से अधिक सीटों को लेकर खास तैयारी की है. इन सीटों पर लोकसभा प्रभारी के साथ-साथ विधानसभा मुताबिक विधानसभा प्रभारी, विधानसभा सह प्रभारी और ‘मोदी मित्रों’ की तैनाती की गई है.
देश में 18 लाख 400 आदमी ‘मोदी मित्र’
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि मोर्चा लगातार मुसलमान समाज के लोगों के साथ संवाद कर उन तक पीएम मोदी गवर्नमेंट की उपलब्धियों को पहुंचा रहा है. मोदी गवर्नमेंट की नीतियों, कार्यक्रमों और जनकल्याणकारी योजनाओं से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को क्या-क्या फायदा पहुंचा है, इस बात की भी जानकारी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे ने मुसलमान समाज तक पहुंचने के लिए कई अभियान चलाए. मोर्चे ने ‘युवा स्नेह संवाद’, ‘महिला स्नेह संवाद’, ‘मोदी स्नेह संवाद’, ‘सद्भाव स्नेह संवाद’, ‘बूथ प्रमुख स्नेह संवाद’ और ‘मोदी मित्र’ जैसे कार्यक्रमों के जरिए विधानसभा और बूथ स्तर तक जाकर देशभर में 22 हजार 700 संवाद कार्यक्रम किए. इन कार्यक्रमों के जरिए बीजेपी कार्यकर्ताओं ने देशभर में 1,468 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया और 50 लाख से अधिक मुसलमान समुदाय के लोगों के साथ सीधा संपर्क किया.
उन्होंने कहा कि देशभर में मुसलमान समाज से जुड़े 18 लाख 400 आदमी ‘मोदी मित्र’ बन चुके हैं. हर जिले में सूफी समाज के लोग भी बड़े पैमाने पर बीजेपी के साथ जुड़े हैं.
बूथ स्तर से मुसलमान वर्ग को बढ़ावा देना शुरू
आपको बता दें कि बीजेपी ने अपने संगठन में बूथ स्तर से मुसलमान वर्ग को बढ़ावा देना प्रारम्भ कर दिया है. इसका असर यूपी में हुए क्षेत्रीय निकाय के चुनावों में भी साफ-साफ नजर आया. पार्टी ने मुसलमान मतदाताओं के बहुमत वाले इलाकों में मुसलमान बूथ अध्यक्षों की भी नियुक्ति की है और जिन बूथों पर मुसलमान मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है, उन बूथों के लिए बनाई गई कमेटियों में भी मुस्लिमों को स्थान दी गई है. बीजेपी की प्रयास है कि सभी वर्गों के लाभार्थियों के साथ-साथ मुसलमान समाज के भी ऐसे सभी लाभार्थियों तक पहुंचा जाए, जिन्हें केंद्र की मोदी गवर्नमेंट अथवा राज्य की बीजेपी गवर्नमेंट की कल्याणकारी योजनाओं का किसी न किसी रूप में फायदा मिला है.
क्या नसीहत दे रहे पीएम मोदी?
दरअसल, पीएम मोदी लगातार विरोधी दलों पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का इल्जाम लगाते हुए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के एजेंडे के साथ राष्ट्र में रहने वाले सभी लोगों के विकास के लिए काम करने की बात कहते रहे हैं, चाहे वो समाज के किसी भी तबके या धर्म से जुड़े हो. बीजेपी की बैठकों में भी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को वोट की चिंता किए बगैर समाज के सभी तबकों के साथ संवाद करने की नसीहत देते रहे हैं. मोदी गवर्नमेंट की उपलब्धियों और पार्टी द्वारा चलाए जा रहे आउटरीच कार्यक्रमों को मिल रहे रिस्पॉन्स से बीजेपी के रणनीतिकारों को यह लग रहा है कि कि इस बार मुसलमान समाज के लोग बड़े पैमाने पर बीजेपी को वोट करने जा रहे हैं. (IANS)