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प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से जस्‍ट‍िस संजीव खन्‍ना की बेंच के सामने ‘चुनाव’ को लेकर की यह मांग

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय सोमवार को उस याचिका पर 17 मई को विचार करने के लिए सहमत हो गया, जिसमें चुनाव आयोग को 2024 के लोकसभा चुनावों में प्रत्येक चरण के मतदान के खत्‍म होने के बाद सभी मतदान केंद्रों पर डाले गए गए वोटों का लेखा-जोखा तुरंत अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की गई है न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण से बोला कि इस मुद्दे पर शुक्रवार को विचार किया जाएगा

प्रशांत भूषण ने उच्चतम न्यायालय से तुरन्त सुनवाई की मांग करते हुए न्यायालय के समक्ष मुद्दे का उल्लेख किया है याचिका में चुनाव आयोग को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में प्रत्येक चरण के मतदान के बाद फॉर्म 17 सी भाग- I में दर्ज किए गए वोटों की संख्या के पूरे आंकड़ों की ल‍िस्‍ट मतदान केंद्र पर प्रदान की जाए 2024 के मौजूदा लोकसभा चुनावों में पूर्ण संख्या में मतदाता मतदान के निर्वाचन क्षेत्र-वार आंकड़ों की ल‍िस्‍ट को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का भी निवेदन किया गया है, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनावों के नतीजों में उम्‍मीदवार रिज़ल्ट भी शामिल थे

याच‍िका में एनजीओ ने दलील दी क‍ि जब तक परफेक्ट आंकड़े सार्वजनिक डोमेन में नहीं लाए जाते, फीसदी के आंकड़े मतदाता के लिए अर्थहीन हैं याच‍िका में आगे बोला क‍ि 19 अप्रैल 2024 और अप्रैल के शुरुआती आंकड़ों की तुलना में 30 अप्रैल, 2024 को चुनाव आयोग द्वारा प्रेस विज्ञप्ति में प्रकाशित आंकड़ों (चरण I मतदाता मतदान – 66.14 फीसदी और चरण II मतदाता मतदान – 66.71 प्रतिशत) जारी क‍िए गए 26 अप्रैल 2024 में क्रमशः चरण I डेटा में लगभग 6 फीसदी की वृद्धि और चरण II डेटा में लगभग 5.75 फीसदी की वृद्धि देखी गई

एनजीओ ने बोला क‍ि अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने 6 मई 2024 को चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा था, जिसमें प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या, मतदाताओं के रजिस्टर में दर्ज मतदाताओं की कुल संख्या को प्रकाशित करने का आह्वान किया गया था उन सभी पीसीएस के लिए ईवीएम के अनुसार, मतदाताओं की संख्या जहां पहले और दूसरे चरण में मतदान हो चुका है

इसी तरह, कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अन्य सियासी दलों को पत्र लिखकर मतदान फीसदी में वृद्धि और डाले गए वोटों की संख्या का खुलासा न करने पर प्रश्न उठाया है 3 मई को सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर मतदान के आंकड़े जारी करने में देरी और विसंगतियों पर चिंता जताई

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