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आवारा कुत्तों से परेशान पुणे की सोसाइटी पहुंचे बीजेपी नेता विजय गोयल, कहा…

दिल्ली में आवारा कुत्तों की परेशानी को लेकर मुहिम चला रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी (भाजपा) के नेता विजय गोयल यहां पुणे में इसी तरह की परेशानी का सामना कर रही एक आवासीय सोसाइटी पहुंचे.

पुणे. दिल्ली में आवारा कुत्तों की परेशानी को लेकर मुहिम चला रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी (भाजपा) के नेता विजय गोयल यहां पुणे में इसी तरह की परेशानी का सामना कर रही एक आवासीय सोसाइटी पहुंचे.
इस सोसायटी ने आवारा कुत्तों की परेशानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगाई है.
वडगांवशेरी क्षेत्र में ब्रम्हा सनसिटी सोसाइटी के दौरे के दौरान मंगलवार को गोयल ने बोला कि इस परेशानी पर रोक लगाने के लिए 10 सूत्री कार्यक्रम लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने बोला कि परेशानी से निपटना प्रशासनिक ऑफिसरों की जिम्मेदारी है.

गोयल ने कहा, ‘‘इस मामले को हल करने के लिए 10 सूत्रीय कार्यक्रम की जरूरत है, जिसमें आवारा कुत्तों की 100 फीसदी नसबंदी, रेबीज-रोधी इंजेक्शनों का प्रबंधन, कुत्ता पालने की कुशल नीति शामिल हैं और साथ ही गवर्नमेंट को कुत्ते के हमले का शिकार हुए पीड़ितों को मुआवजा देना चाहिए.’’
उन्होंने बोला कि आवारा कुत्ते सड़कों पर घूमते रहते हैं और इनकी वजह से बुजुर्गों और बच्चों के लिए जोखिम की स्थिति रहती है. उन्होंने बोला कि कई बार तो ऐसे कुत्ते जानलेवा भी हो जाते हैं, खास कर छोटे बच्चों की कुत्तों के हमले में जान जाने के मुद्दे आए दिन सामने आ रहे हैं.
गोयल ने बोला कि आवारा कुत्तों की परेशानी से निपटना नगर निकाय की जिम्मेदारी है, लेकिन उनकी ओर से कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पशु कल्याण बोर्ड हाल ही में पशु जन्म नियंत्रण नियमावली लेकर आया है, इसकी वजह से भी इस मामले का निवारण खोजने में बाधाएं आ रही हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने हाल ही में संबंधित मंत्री से मुलाकात कर निवेदन किया कि इन नियमों और दिशानिर्देशों में संशोधन किया जाए.’’
स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस वर्ष फरवरी में सोसाइटी के एक लड़के पर आवारा कुत्तों ने धावा कर दिया था.

स्थानीय निवासियों ने इसकी कम्पलेन पुणे नगर निगम (पीएमसी) से भी की.
इसके बाद पीएमसी 50 से 60 आवारा कुत्तों को अपने साथ ले गई थी, लेकिन पशुओं के कल्याण के लिए काम करने वाले एक कार्यकर्ता ने इसके विरुद्ध बम्बईउच्च कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. हाई कोर्ट ने कुत्तों को छोड़ने का आदेश दिया था.
उच्च कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के लिए क्षेत्रीय निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
सोसायटी के सदस्यों में से एक नागेंद्र रामपुरिया ने कहा कि आवारा कुत्तों की परेशानी को लेकर गोयल द्वारा प्रारम्भ किए गए आंदोलन को देखकर वे दिल्ली में उनसे मिले थे और उन्हें अपनी पीड़ा से अवगत कराया.

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