राष्ट्रीय

केंद्र सरकार के इस कदम से कहीं खुशी तो कहीं गम

Citizenship Amendment Act: मोदी गवर्नमेंट ने लोकसभा चुनाव से पहले ऐतिहासिक कदम उठाते हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू कर दिया है केंद्र गवर्नमेंट के इस कदम पर कहीं खुशी मनाई जा रही है तो विपक्षी दलों में नाराजगी सामने आई है पहले ममता बनर्जी और फिर कांग्रेस पार्टी पार्टी ने इसे चुनाव से पहले मोदी गवर्नमेंट का स्टंट करार दिया है ममता बनर्जी ने बोला है कि वो पहले नियम देखेंगी और यदि यह नियम जनता के अधिकारों का हनन करेगा तो वो लड़ेंगी इस बीच ममता बनर्जी के गढ़ में सीएए को लेकर खुशियां मनाई जा रही हैं पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय के एक वर्ग ने सीएए पर दावा किया कि यह उनके लिए दूसरा स्वतंत्रता दिवस है

सोमवार को जैसे ही नरेंद्र मोदी गवर्नमेंट ने सीएए लागू किया, देशभर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में लोगों के बीच अलग ही माहौल है यहां ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय के लोग उत्सव इंकार रहे हैं उन्होंने सीएए लागू होने पर जमकर उत्सव मनाया और दावा किया कि यह उनका ‘दूसरा स्वतंत्रता दिवस’ है

कौन हैं मतुआ समुदाय 
मूल रूप से पूर्वी पाक से आने वाला मतुआ समुदाय हिंदुओं का एक कमजोर वर्ग है ये लोग भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान और बांग्लादेश के निर्माण के बाद हिंदुस्तान आ गए थे पश्चिम बंगाल में 30 लाख की लगभग जनसंख्या वाला यह समुदाय नादिया और बांग्लादेश की सीमा से लगे उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में रहता है इनका राज्य की 30 से अधिक विधानसभा सीटों पर प्रभुत्व है

जश्न इंकार रहा मतुआ समुदाय
मतुआ समुदाय के सदस्यों ने ढोल बजाकर और एक-दूसरे का अभिवादन करके इस अवसर का उत्सव मनाया और सीएए के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के प्रति आभार व्यक्त किया उन्होंने इसे स्वयं के लिए निर्णायक क्षण कहा और बोला कि सीएए हमारे लिए “दूसरा स्वतंत्रता दिवस” ​लेकर आया है

गौरतलब है कि सीएए नियम जारी होने के साथ मोदी गवर्नमेंट अब बांग्लादेश, पाक और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक हिंदुस्तान आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना प्रारम्भ कर देगी इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं

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