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उद्धव ठाकरे पर पीएम मोदी का बड़ा हमला, बोले…

लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण से पहले पीएम मोदी ने राष्ट्र के सबसे बड़े न्यूज नेटवर्क ‘नेटवर्क18’ को दिए एक्सक्लूसिव साक्षात्कार महाराष्ट्र की राजनीति, और राज्य में भाजपा के प्रदर्शन पर पूछे गए प्रश्न पर बेबाकी से उत्तर दिया. नेटवर्क18 के ग्रुप एडिटर इन चीफ और मैनेजिंग डायरेक्टर राहुल जोशी को दिए इस साक्षात्कार में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनेक चुनावी मुद्दों पर विस्तार से बात की. उनका यह साक्षात्कार आप भी नेटवर्क 18 समूह के विभिन्न चैनलों पर सोमवार रात नौ बजे देख सकते हैं.

सवाल- 13: (राहुल जोशी): मोदी जी हमारे संग, हमारे एंकर विलास बड़े जुड़े हुए हैं. वह आपसे कुछ महाराष्ट्र के बारे में वार्ता करना चाहते हैं.

विलास बडे़: मोदी जी महाराष्ट्र की ओर से नमस्कार. महाराष्ट्र में भाजपा को उन 23 सीटों को बचाना है, जो 2019 में जीती थीं लेकिन, इस बार महाराष्ट्र में पूरी खिचड़ी बनी हुई है. शिवसेना और एनसीपी टूट चुकी है. उनके दो पार्टनर आपके साथ हैं. क्या उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ या उनके पक्ष में आप कोई सहानुभति लहर देख रहे हैं?

पीएम मोदी: देखिए, पहली बात… महाराष्ट्र के सभी लोगों को मेरा नमस्कार. और बड़ी अच्छी बात है कि मैं अलग से महाराष्ट्र के विषय को लेकर आप से बात कर रहा हूं. अब देखिए… यह बात ठीक है कि वहां लंबे अरसे से मिलीजुली गवर्नमेंट चलती आ रही हैं. बिलासराव देशमुख थे, तब से लेकर आप देखिये. यहां तक शरद पवार भी जब सीएम थे वो भी पूर्ण बहुमत के साथ अकेले नहीं बन पाए थे. दूसरा, महराष्ट्र का दुर्भाग्य रहा है कि लंबे अरसे से वहां पांच वर्ष तक कोई एक सीएम नहीं रहा नहीं है.

 

‘लोगों में भाजपा के प्रति सहानुभूति है…’
एक भी आदमी पांच वर्ष नहीं. देवेंद्र फडणवीस, पहले आदमी थे, लंबे अरसे के बाद, जो एक पूरा कार्यकाल सीएम रहे और पूरी गवर्नमेंट बेदाग रही. हमारी गवर्नमेंट ने लोगों के कल्याण के लिए काम किया. अब सहानुभूति हमारे साथ होनी चाहिए. जो लोग हमारे साथ चुनाव लड़े, जिन लोगों ने हमारे साथ चुनाव लड़कर महाराष्ट्र के लोगों से वोट मांगे, लेकिन, सीएम बनने के स्वयं की पर्सनल महत्वाकांक्षा के कारण उनमें अहंकार भर गया. इस अहंकार और पर्सनल महत्वाकांक्षा के कारण, आपने (उद्धव ठाकरे), बाला साहेब ठाकरे के जमाने से चले आ रहे गठबंधन को तोड़ दिया. लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा है जबकि भाजपा के प्रति सहानुभूति है.

‘देश को वंशवाद की राजनीति से नफरत’
दूसरा, शिवसेना के अंदर जो तूफान खड़ा हुआ या एनसीपी के अंदर जो तूफान खड़ा हुआ वो साफ-साफ दिखता है. जब आप अपने परिवार के लोगों को ही अहमियत देते हैं और बाकियों को मौका नहीं देते हैं, तो कभी न कभी मुश्किल पैदा होगी ही. शरद पवार के घर में जो मुसीबत है, उनका पारिवारिक झगड़ा है. भतीजे को कमान मिले या बेटी को? यही झगड़ा शिवसेना में है. कोई सक्षम नेता ऊपर आए या कि स्वयं का बेटा. ये सब उनके पारिवारिक झगड़े हैं. मेरा मानना है कि हमारा राष्ट्र वंशवाद की राजनीति से नफरत करता है. यदि कोई ‘सहानुभूति’ शब्द का इस्तेमाल लोगों के बीच ‘सिंपैथी’ जगाने के लिए करने की प्रयास करेगा, तो यह कोशिश भी विफल होगा. लोग ऐसी चीजों को स्वीकार नहीं कर सकते हैं. घर के झगड़े घर में निपटाइये. महाराष्ट्र को क्यों बर्बाद कर रहे हो?

‘हम महाराष्ट्र के लिए जीते हैं, अपने लिए नहीं’
दूसरी बात यह है कि भाजपा ने महाराष्ट्र के लिए बहुत त्याग किया है. कुछ लोगों को लगा कि हम मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. ऐसा एकदम नहीं था. हम मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन हम नहीं बने. महाराष्ट्र की जनता को हमने विश्वास दिलाया कि हम महाराष्ट्र के लिए जीते हैं, अपने लिए नहीं जीते हैं और इस चुनाव में ये सिंपैथी हमारे पक्ष में है कि इतना बड़ा दल, एक सफल सीएम भी स्वयं के सम्मान को पीछे छोड़कर महाराष्ट्र के उज्जवल भविष्य के लिए आज डिप्टी मुख्यमंत्री बनकर सेवा कर रहा है. मैं मानता हूं कि बंगाल को बर्बाद कर दिया गया. वो कोलकाता जो किसी समय आर्थिक वृद्धि में सबसे आगे था, उसे राजनीति ने बर्बाद कर दिया. बिहार और यूपी में अस्थिर स्थितियां पैदा की गई थीं. महाराष्ट्र को इस हालत में नहीं जाने दिया जाएगा. मुंबई राष्ट्र की आर्थिक राजधानी है. हमें देशहित के लिए महाराष्ट्र में मजबूती के साथ आगे बढ़ना चाहिए. ये रेट हम महाराष्ट्र की जनता को समझा रहे हैं. उन तक यह संदेश पहुंचा रहे हैं और महाराष्ट्र की जनता बहुत पॉजिटिव रिस्पॉन्स दे रही है.

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