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आज एसवाईएल नहर पर हरियाणा के दावे की वकालत की जा रही मुख्यमंत्री द्वारा

चंडीगढ़, 28 दिसंबर (आईएएनएस) केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत लंबे समय से चले आ रहे और विवादास्पद सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) मामले के निवारण के लिए गुरुवार को यहां एक जरूरी बैठक करेंगे

बैठक में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और उनके पंजाब समकक्ष भगवंत मान शामिल होंगे

विशेष रूप से, एसवाईएल नहर पर हरियाणा के दावे की वकालत सीएम द्वारा की जा रही है, जो इस अधिकार को सुरक्षित करने के लिए लगन से कदम उठा रहे हैं और अब तक उच्चतम न्यायालय में मुद्दे को एक्टिव रूप से आगे बढ़ा रहे हैं

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बोला कि खट्टर ने हाल ही में मान को एक पत्र लिखा था और एसवाईएल नहर के निर्माण से संबंधित किसी भी बाधा या मामले को हल करने के लिए एक बैठक आयोजित करने की ख़्वाहिश व्यक्त की थी

प्रवक्ता ने बोला कि 4 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय ने एसवाईएल नहर के संबंध में एक विस्तृत आदेश पारित किया था, इसमें साफ रूप से बोला गया था कि इसका पानी के आवंटन से कोई संबंध नहीं है

हरियाणा का प्रत्येक नागरिक 1996 के मूल दावे के अनुसार, डिक्री के खंड 6 में निर्दिष्ट एसवाईएल नहर के निर्माण के शीघ्र पूरा होने का बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा है प्रवक्ता ने बोला कि इसके अलावा, सीएम दक्षिणी हरियाणा में शुष्क भूमि को सिंचित करने के लंबे समय से प्रतीक्षित सपने को साकार करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं

प्रवक्ता ने कहा, “हरियाणा को आशा है कि पंजाब गवर्नमेंट इस मामले को सुलझाने में निश्चित रूप से समर्थन करेगी

इससे पहले 14 अक्टूबर 2022 को दोनों राज्यों के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई थी उसके बाद 4 जनवरी 2023 को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की अध्यक्षता में दूसरे दौर की चर्चा हुई थी, जिसमें सीएम दोनों राज्यों के मंत्री उपस्थित रहे

हालाकि, पंजाब गवर्नमेंट के नकारात्मक रवैये के कारण एसवाईएल नहर मामले पर सभी बैठकें बेनतीजा रहीं

शीर्ष न्यायालय के फैसलों के बावजूद पंजाब ने एसवाईएल नहर का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया है न्यायालय के फैसलों को लागू करने के बजाय पंजाब ने 2004 में समझौता निरस्तीकरण अधिनियम बनाकर प्रगति में बाधा डालने की प्रयास की

 

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