भारत की ये जगह रहस्य और सुंदरता से मोह लेती लोगों का मन
आइए सबसे पहले आपको इस स्थान से परिचित कराते हैं। दरअसल, यह स्थान उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यहां स्थित गुफाओं से दुनिया के अंत का रहस्य जुड़ा हुआ है। इस मंदिर और यहां की रहस्यमयी गुफाओं का जिक्र वेदों और पुराणों में भी किया गया है। इस स्थान के खास रहस्यों को जानने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं। आप यहां बस, रेल और हवाई मार्ग से पहुंच सकते हैं। यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन टनकपुर है। हालाँकि, यहाँ के बाद रास्ते बहुत जटिल हो जाते हैं। इस मंदिर का रास्ता इतना संकरा है कि आपको बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है।
मंदिर के चार द्वार हैं
पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस मंदिर के चार द्वार हैं- रणद्वार, पापद्वार, धर्मद्वार और मोक्षद्वार। क्षेत्रीय लोगों का बोलना है कि रावण की मौत के बाद पापड़द्वार बंद कर दिया गया था। वहीं, कुरूक्षेत्र के युद्ध के बाद रणद्वार भी बंद हो गया। अभी दो दरवाजे अभी भी खुले हैं। यह जगह समुद्र तल से 90 फीट की गहराई पर स्थित है। इसीलिए इसे पाताल भी बोला जाता है। मिथक कहते हैं कि इस रहस्यमयी मंदिर की स्थापना स्वयं ईश्वर शिव ने की थी। जब उन्होंने अपने पुत्र गणेश का सिर धरती से काट दिया तो उनका सिर पातालभुवनेश्वर में रह गया।
इतना बड़ा रहस्य
वहीं इस गुफा से दुनिया के अंत का रहस्य भी जुड़ा हुआ है। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि जिस दिन शिवलिंग मंदिर की दीवार से टकरा जाएगा, उसी दिन कलियुग का अंत हो जाएगा, जिसका आकार तेजी से बदल रहा है। दुनिया नष्ट हो जायेगी। उस दिन स्वयं ब्रह्मा, विष्णु या महेश भी कुछ नहीं करेंगे। बोला जाता है कि यहां दर्शन करने से चारों धामों के दर्शन होते हैं।