अगले 7 जन्मों तक नहीं रहेगी पैसे की कमी, कार्तिक पूर्णिमा पर कर ले ये उपाय
कार्तिक पूर्णिमा का हिंदू धर्म में खास महत्व है। इस दिन दीपदान सहित कई कार्य किए जाए जाते हैं। जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि त्रिपुरासुर नामक असुर से देवतागण भयभीत थे।कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही ईश्वर भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक असुर का अंत किए इसलिए उन्हें त्रिपुरारी भी बोला जाता है। असुर के अंत से देवता प्रसन्न हुए।और गंगा घाट पर जाकर दीपक जलाए।इसी कारण से इस दिन को देव दिवाली के रूप मनाया जाता है।
गुमला के आंजन धाम के पुजारी केदारनाथ पांडे ने कहा किइस दिन गंगाघाट एवं अन्य पवित्रनदी, तालाबों में स्नान करें ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन कृतिका नक्षत्र में ईश्वर शिव के दर्शन करने से 7 जन्म तक आदमी ज्ञानी और धनवान होता है।इस दिन चांद जब आकाश में उदित हो रहा हो। उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की बहुत प्रसन्न होते हैं।
इस दिन दीपदान का है विशेष महत्व
इस दिन व्रत रखकर रात्रि में वृषदान यानी गाय का बछड़ा दान करने से शिवपद की प्राप्ति होती है जो आदमी इस दिन उपवास करके ईश्वर भोलेनाथ का भजन और गुणगान करता है। उसे अग्निष्टोम नामक यज्ञ का फल प्राप्त होता है। इस पूर्णिमा को शैव मत में जितनी मान्यता मिली है उतनी ही वैष्णव मत को भी मिली है।इस दिन मान्यता ये भी है कि ईश्वर विष्णु चर्तुमास की निद्रा से जागते हैं।और चतुर्दशी के दिन ईश्वर शिव और सभी देवी देवता काशी में आकर दीप जलाते हैं।इसी कारण से काशी में इस दिन दीपदान का अधिक महत्त्व माना गया है।
ये काम करें ईश्वर होंगे प्रसन्न
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ करने से सांसारिक पाप और ताप का शमन होता है। अन्न, धन एव वस्त्र दान करें। इस दिन जो आप दान करते हैं उसका कई गुणा फायदा मिलता है। मान्यता है कि आप जो कुछ इस दिन दान करते हैं। वह आपके लिए स्वर्ग में संरक्षित रहता है। जो मौत लोक त्यागने के बाद स्वर्ग में आपको प्राप्त होता है। शास्त्र के मुताबिक इस दिन स्नान करते समय पहले हाथ पैर धो लें फिर आचमन करके हाथ में कुशा लेकर स्नान करें। दान देते समय हाथ में जल लेकर दान करें।यज्ञ और जप कर रहे हैं तो पहले संख्या का संकल्प कर लें फिर जप और यज्ञादि कर्म करें।