कामाख्या देवी मंदिर से जुड़ी कुछ रहस्यमयी बातें हैं, जिन्हें जानकर आप जाएंगे चौंक
इसलिए इसका नाम कामाख्या पड़ा
मंदिर धर्म और पुराणों के मुताबिक ईश्वर विष्णु ने अपने चक्र से माता सती को 51 भागों में विभाजित कर दिया था। जहां-जहां ये हिस्से गिरे, वहां-वहां मां के शक्तिपीठ बन गए। इस जगह पर माता की योनि थी इसलिए यहां उनकी कोई मूर्ति नहीं है लेकिन उनकी योनि की पूजा की जाती है। आज यह जगह एक ताकतवर पीठ है। इस मंदिर की भव्यता दुर्गा पूजा, पोहन बिया, दुर्गा देउल, बसंती पूजा, मदन देउल, अंबुवासी और मनसा पूजा पर देखने को मिलती है।
3 दिन के लिए क्यों बंद है मंदिर?
कहा जाता है कि कामाख्या देवी का मंदिर 22 जून से 25 जून तक बंद रहता है। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों माता सती रजस्वला होती हैं। इन 3 दिनों के दौरान पुरुष भी मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। बोला जाता है कि इन 3 दिनों में मां के दरबार में एक सफेद कपड़ा रखा जाता है, जो 3 दिन में लाल हो जाता है। इस कपड़े को अम्बुवाची कपड़ा बोला जाता है। इन्हें भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
तीन यात्राओं की जरूरत है
ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस मंदिर के तीन बार दर्शन करते हैं उन्हें सांसारिक बंधनों से मुक्ति मिल जाती है। यह मंदिर तंत्र विद्या के लिए मशहूर है। इसीलिए यहां दूर-दूर से साधु-संत भी दर्शन के लिए आते हैं।