गुजरात में स्वादिष्ट ढोकला की पहचान बनने की पढ़ें पूरी कहानी
लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। हिंदुस्तान के हर शहर में अनोखे और टेस्टी रेसिपी मिल जाते हैं। लेकिन गुजरात की बात आती है तो मुंह में पानी आ जाता है। क्योंकि गुजरात एक ऐसा शहर है जहां देखने और करने के लिए बहुत कुछ है। यह एक ऐसा शहर है जहां आपको आधुनिक और प्राचीन सभ्यता का खूबसूरत मिश्रण देखने को मिलेगा। साथ ही, आपको कई तरह के टेस्टी रेसिपी मिलेंगे जो न सिर्फ़ गुजरातियों की बल्कि हिंदुस्तान में लगभग सभी की पहली पसंद हैं जैसे ढोकला।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ढोकला की उत्पत्ति कहां से हुई और इसे पहली बार किसने बनाया। ऐसे कई प्रश्न आपके दिमाग में आएंगे और आप भी इसका उत्तर जानना चाहेंगे कि इस ढोकला की आरंभ कैसे हुई और इसका इतिहास क्या है। आइए जानते हैं मास्टरशेफ कविराज घियाला से ढोकला की दिलचस्प कहानी।
ढोकला क्या है?
वैसे गुजरात के सभी रेसिपी अपने आप में बहुत खास और टेस्टी होते हैं। लेकिन जब ढोकला की बात आती है तो मुंह में पानी आना स्वाभाविक है। आपको बता दें – यह सामान्य ढोकला जैसा दिखता है। लेकिन यह खाने में अधिक टेस्टी और टेस्टी होती है। इसे आप घर पर कई तरह से बना सकते हैं, बेसन से लेकर चावल का आटा, सूजी से लेकर मिक्स आटा आदि। साथ ही आपको मसाला तड़का ढोकला, सैंडविच ढोकला, मंचूरियन ढोकला, चीसी इटालियन चटनी ढोकला आदि वैरायटी मिल जाएगी जिसे आप मिर्च के साथ खा सकते हैं।
क्या है ढोल का इतिहास
ढोकला के इतिहास की बात करें तो ढोकला शब्द का सबसे पहले उल्लेख वारणक समूह ने किया था। ऐसा बोला जाता है कि ढोकला का उल्लेख पूर्ववर्ती दुक्किया के जैन शास्त्रों में भी मिलता है। लेकिन मास्टर शेफ कविराज खियालानी के अनुसार, इसके अस्तित्व और उत्पत्ति का पता सोलहवीं शताब्दी में लगाया जा सकता है। आपको बता दें कि पहले कई लोग ढोकला को ढोकरा के नाम से भी जानते थे। लेकिन ढोकला गुजरात का एक पारंपरिक रेसिपी है, जिसकी उत्पत्ति हिंदुस्तान में हुई थी।
ढोकला के प्रकार
ढोकला आप कई तरह से बना सकते हैं। आप खट्टे ढोकला, मुगनी दाल ढोकला, तुवर दाल ढोकला, हरी मटर ढोकला, मीठे ढोकला, खमन ढोकला आदि से सादा ढोकला बना सकते हैं। इसे आप सॉस या हरी मिर्च के साथ सर्व कर सकते हैं।
क्या है एक्सपर्ट की राय
स्वादिष्ट व्यंजनों की बात आती है तो ढोकला वह नाम है जो हमारे दिमाग में आता है। क्योंकि ढोकला न केवल स्वाद में अच्छा होता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभ वाला होता है। जानकारों का बोलना है कि पिछले कुछ वर्षों में हमने ढोकला की भिन्न-भिन्न किस्में देखी हैं, जो बेसन, चावल, सूजी और दाल के तड़के में बनाई जाती हैं।