बेहद खास तरीके से लस्सी बनाते हैं राजेश, स्वाद ऐसा कि दीवाने हो जाओगे आप
मिथिलांचल अपने रहन-सहन के साथ खान-पान के लिए भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां का मखाना और मछली तो फेमस है ही। इसमें एक और नाम लस्सी का जुड़ भी गया है। यहां एक कहावत भी काफी प्रचलित है कि दरभंगा आए और टावर चौक के पास लस्सी ना पिए तो क्या खाक दरभंगा आए।
यहां की लस्सी काफी फेमस है और यह जितना टेस्टी होती है उतना ही पौष्टिकता से भरा रहता है। यदि आप दरभंगा में हैं और लस्सी का स्वाद लेने का मन कर रहा है तो दरभंगा जिला मुख्यालय स्थित टावर चौक पर राजेश कुमार के पास पहुंच जाइए। खास बात यह है कि यहां आपको बिना बर्फ वाली लस्सी पीने को मिलेगी। दर्शन ड्रिंक का स्लोगन ही है बिना बर्फ की लस्सी ठंडा-ठंडा कूल-कूल।
15 सालों से राजेश चला रहे हैं लस्सी की दुकान
राजेश ने कहा कि पिछले 15 वर्षो से लस्सी की दुकान चला रहे हैं। यहां लस्सी खास ढंग से बनाया जाता है। लस्सी में बर्फ का प्रयोग नहीं किया जाता है, जो इसके स्वाद को बढ़ा देता है। बात यदि इस लस्सी के विशेषता की करें तो यहां लोग लस्सी पीने के साथ खाते भी हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि राजेश अपने हाथ से दो तरह की लस्सी तैयार करते हैं।
यहां लस्सी में आपको मलाई और खोया का स्वाद भी मिल जाएगा, जो इसे और खास बनाता है। दही से लेकर मलाई और खोया सब स्वयं से ही तैयार करते हैं। जिससे मिलावट न होने की गारंटी होती है। गर्मी हो या सर्दी यहां लस्सी पीने वालों की भीड़ लगती है। राजेश कुमार का टॉवर चौक पर छोटी सी हीं दुकान है, लेकिन पूरे मिथिलांचन में फेमस है।
रोजाना पांच क्विंटल दूध की है खपत
राजेश ने कहा कि स्पेशल रस्सी की मूल्य 50 रुपए और सुपर स्पेशल फ्लेवर की लस्सी 100 रुपए है। उन्होंने कहा कि लस्सी बनाने के लिए कई प्रक्रिया अपनाई जाती है। जिसमें सबसे पहले दूध को उबाला जाता है और फिर उसका दही बनाया जाता है। दही को घोलकर चीनी के साथ कुछ मसालेदार सामाग्री को मिलाकर पतला किया जाता है। उसके बाद ड्राई फ्रूट्स, खोया और मलाई मिलया जाता है। इसके बाद इसमें काजू, किशमिश, चेरी, खोया और मलाई को मिलकार लस्सी परोसा जाता है। साथ हीं ऊपर से बारीक पीसा हुआ हरी इलायची भी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 5 क्विंटल दूध की खपत है।