लाइफ स्टाइल

Ram Navami 2024: इस रामनवमी करें इन शहरों में स्थित प्राचीन राम मंदिर के दर्शन

Ram Navami 2024 Famous Ram Temple in India : चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 9 अप्रैल से प्रारम्भ हो रहा है. नौ दिवसीय इस पर्व के आखिरी दिन राम नवमी मनाई जाती है. इस साल रामनवमी 17 अप्रैल 2024 को मनाई जा रही है. राम नवमी ईश्वर विष्णु के अवतार प्रभु श्रीराम की जयंती का पर्व है. इस दिन अयोध्या में राजा दशरथ के घर पर श्रीराम का जन्म हुआ था. अयोध्या राम जी की जन्मभूमि हैं, जहां सालों के संघर्ष के बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ. इसके अतिरिक्त 14 साल के वनवास के दौरान वह कई जगहों पर ठहरे और समुद्र मार्ग से होते हुए लंका तक पहुंचे, जहां उन्होंने लंका नरेश रावण का वध किया.

राम नवमी के मौके पर यदि आप प्रभु श्रीराम के दर्शन करना चाहते हैं तो अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि मंदिर में जा सकते हैं. इसके अतिरिक्त राष्ट्र में कई प्राचीन और भव्य राम मंदिर हैं, जहां आप दर्शन के लिए जा सकते हैं. यहां राष्ट्र के सबसे प्रमुख राम मंदिरों के बारे में कहा जा रहा है.

रघुनाथ मंदिर

उत्तरी हिंदुस्तान यानी जम्मू कश्मीर में प्रभु श्रीराम का काफी मशहूर रघुनाथ मंदिर स्थित है. वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालु रघुनाथ मंदिर जरूर जाना पसंद करते हैं. इस मंदिर में ईश्वर राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ विराजमान है. यहां रामायण और महाभारत के पात्रों की झलक भी देखने को मिल जाती है.

राजा राम मंदिर

पूरे राष्ट्र में एकमात्र जगह है, जहां प्रभु राम की राजा राम के रूप में पूजा की जाती है. मध्य प्रदेश के ओरछा जिले में उनका महल जैसा मंदिर है. यहां वर्ष भर भक्तों की भीड़ रहती है. प्रतिदिन इस मंदिर में  गार्ड ऑफ ऑनर देकर ईश्वर श्रीराम को शस्त्र सलामी दी जाती है.

रामास्वामी मंदिर

दक्षिण हिंदुस्तान में भी राम जी का भव्य मंदिर है. तमिलनाडु के रामास्वामी मंदिर में ईश्वर राम की पूजा होती है. अधिकांश मंदिरों में श्री राम के साथ माता सीता और लक्ष्मण जी की प्रतिमा होती है. रामास्वामी राष्ट्र का एकमात्र मंदिर हैं, जहां श्री राम सीता जी, लक्ष्मण ही भरत और शत्रुघ्न विराजमान हैं. इस मंदिर की नक्काशी महाकाव्य रामायण के मुताबिक, घटित मशहूर घटनाओं को दर्शाती है.

कालाराम मंदिर

महाराष्ट्र के नासिक जिले में ईश्वर राम का खूबसूरत मंदिर है, जिसका नाम कालाराम मंदिर है. वनवास के दौरान ईश्वर श्रीराम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पंचवटी में ही रुके थे. बाद में सरदार रंगारू ओढेकर ने इस जगह पर मंदिर का निर्माण कराया. इस बारे में एक कहानी प्रचलित है कि सरदार रंगारू को स्वप्न आया कि गोदावरी नदी में श्रीराम की काले रंग की मूर्ति है. उन्होंने अगले ही दिन मूर्ति निकालकर मंदिर में स्थापित की.

Related Articles

Back to top button