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नैनीताल में आने वाले टूरिस्ट को इस मौसम में इन बातों का रखना चाहिए ध्यान

उत्तराखंड के नैनीताल में सर्दी का सितम प्रारम्भ हो गया है न्यूनतम तापमान 2 से 3 डिग्री तक पहुंच गया है एक ततफ़ जहां लोग ठांस से परेशान है वहीं नैनीताल में बढ़ती ठंड से खून गाढ़ा होने के मुद्दे सामने आ रहे हैं बीडी पांडे हॉस्पिटल के दिल बीमारी की ओपीडी में हर रोज दर्जनों रोगी पहुंच रहे हैं दिल के रोगियों के लिए ठंड जानलेवा साबित हो रही है हॉस्पिटल की आपातकालीन में खून को पतला करने की दवाइयां रोगियों को दी जा रही हैं | आंकड़ों के मुताबिक अब तक दर्जनों रोगियों की जान बचाई जा चुकी है हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डाक्टर सुधांशु सिंह से जानेंगे कि नैनीताल के निवासी और यहां आने वाले टूरिस्ट को इस मौसम में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

डॉ सुधांशु सिंह ने कहा कि नैनीताल में सर्दी के मौसम में अमूमन यह परेशानी देखी जाती है नैनीताल में ठंड लगातार बढ़ रही है ऐसे में शरीर में नसों की इलास्टिसिटी कम हो रही है, जब ठंड बढ़ती है तो हमारा खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे थक्के जम सकते हैं थक्का जमने से समस्याएं हो सकती हैं और यही एक कारण है कि ठंड में हमें अधिक दिल के दौरे और स्ट्रोक देखने को मिलते हैं इससे पूरे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित रहता है और दिल पर खून को पंप करने का प्रेशर बढ़ता है जिससे हाई बीपी की परेशानी बढ़ती हैं | इस वजह से कई बार सीने में तेज दर्द महसूस होता है और सांस लेने में भी तकलीफ होती है, | डॉ सिंह बताते हैं कि यदि इस परेशानी को नजरअंदाज किया गया, तो भविष्य में हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है

क्या है खून गाढ़ा होने की वजह?
डॉ सुधांशु सिंह ने कहा कि खून गाढ़ा होने की परेशानी ठंड के अतिरिक्त हाई एल्टीट्यूड, धूम्रपान, मोटापा आदि की वजह से होती है ऐसे में यदि आप ठंड में सुबह शाम एक्सरसाइज कर रहे हैं, तो यह भी आपके लिए खतरनाक सिद्ध हो सकता है

कैसे करें बचाव?
डॉ सुधांशु सिंह ने कहा कि खून गाढ़ा होने जैसी परेशानी से बचाव के लिए कुछ घरेलू तरीका महत्वपूर्ण हैं, जैसे- एक्सरसाइज सूर्योदय के बाद करें, स्वयं को ठंड से बचाएं, सिगरेट और शराब का सेवन न करें, एक फिट दिनचर्या अपनाएं, स्ट्रेस से बचें, रोग को मेंटली न बनाएं

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