पोर्ट ब्लेयर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है, जानें इसका इतिहास
Port Blair Tour: पोर्ट ब्लेयर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी है। यह अंडमान और निकोबार के द्वीपों की खोज का प्रवेश द्वार भी है। द्वीप के नौसैनिकों के संरक्षण के लिए शहर में कई समुद्री राष्ट्रीय उद्यान और संग्रहालय हैं। यदि आप अंडमान द्वीप समूह की संस्कृति और उसके आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र को समझना चाहते हैं तो पोर्ट ब्लेयर ठीक स्थान है। यह ऐतिहासिक स्थलों से लेकर शांत समुद्र तट तक अनुभवों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। कहने की आवश्यकता नहीं है कि किसी को भी शहर घूमने का मौका नहीं चूकना चाहिए। पोर्ट ब्लेयर में घूमने के लिए कई पर्यटन स्थल हैं, जिनमें आसपास के कई समुद्र तटों और द्वीपों के अतिरिक्त सेल्यूलर जेल, समुद्रिका नौसेना समुद्री संग्रहालय और माउंट हैरियट नेशनल पार्क भी शामिल हैं। महात्मा गांधी समुद्री राष्ट्रीय उद्यान सबसे पुराना है। इसके अलावा, शहर मशहूर आईएनएस जारवा का घर है जो पोर्ट ब्लेयर में फीनिक्स बे में स्थित है।
पोर्ट ब्लेयर में लोकप्रिय पर्यटक स्थल
सेलुलर जेल
पोर्ट ब्लेयर अपनी खूबसूरती के साथ-साथ काला पानी की सजा के लिए भी जाना जाता है। यहां पर अंग्रेजों ने अपने शासनकाल में “सेल्लुलर जेल” नाम की एक स्थान बनाई थी। यह अत्यंत गहरी और अंधकार भरी कालकोठरी थी। यहां पर स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाले वीर नायकों को काला पानी की सजा दी जाती थी, उन्हें तड़पा तड़पा कर मारा जाता था। इसलिए भारतीय इतिहास में इस स्थान को काले शब्दों से लिखा गया है।
जापानी बंकर
जापानी बंकरों का निर्माण द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किया गया था और इसे पूरे शहर में देखा जा सकता है। ये बंकर हमें उस समय ले जाते हैं जब नाकाबंदी होती है अण्डमान और निकोबार द्वीप लगाए गए। इसके साथ-साथ, पोर्ट ब्लेयर में घूमने के लिए कुछ अन्य स्थल भी हैं जैसे रॉस द्वीप या कॉर्बिन कोव बीच।
रॉस द्वीप
पोर्ट ब्लेयर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल रॉस द्वीप पोर्ट ब्लेयर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व में स्थित हैं। बता दें कि रॉस द्वीप अंग्रेजों का प्रशासनिक मुख्यालय था लेकिन वर्तमान समय के दौरान यह एक निर्जन द्वीप है। रॉस द्वीप की सुंदरता और प्राकृतिक दृश्य किसी को भी मोहित कर सकते हैं। हालाकि साल 1941 में आए भूकंप के बाद अंग्रेजों ने रॉस द्वीप को छोड़ दिया था। रॉस द्वीप घने जंगल, एक चर्च, स्टोर, बेकरी, एक जल इलाज संयंत्र, टेनिस कोर्ट, अस्पताल, कब्रिस्तान, प्रिंटिंग प्रेस, सचिवालय आदि देखे जा सकते हैं।
कॉर्बिन कोव बीच
कॉर्बिन कोव बीच पोर्ट ब्लेयर के प्रमुख आकर्षण में से एक हैं और यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। कॉर्बिन कोव बीच समुद्र तट के निकट स्थित हैं और यहाँ आपको क्षेत्रीय स्नैक्स, पेय पदार्थ और नारियल पानी की भरमार मिलेगी। बता दें कि कॉर्बिन कोव बीच पर लोग पानी में उतरने से कतराते है क्योंकि यहाँ कचरा कूड़ा देखा जा सकता हैं। साथ ही अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अन्य समुद्री तटों की भाती यहाँ भी वाटर स्पोर्ट्स की सुविधाएं इतनी अधिक प्रभावशाली नही हैं। यदि आप पानी की गतिविधियों के शौकीन हैं तो जेट स्कीइंग या समुद्र में एक छोटी नाव की सवारी का आनंद ले सकते हैं।
समुंद्रिका नवल मरीन संग्रहालय
यह संग्रहालय अपने अंदर भारतीय संस्कृति और इतिहास को समेटे खड़ा है। यहां पर आने वाले लोग इसकी खूबसूरती देखकर मन मोहित हो जाते हैं। यहां पर आकर आप अपने इतिहास का ज्ञान ले सकते हैं। यहां पर भारतीय नौसेना की इकाइयां समुद्री पर्यावरण हालात तंत्र इत्यादि मौजूद है।
पोर्ट ब्लेयर में शॉपिंग
पोर्ट ब्लेयर एक खूबसूरत और व्यस्त शहर जो ना सिर्फ़ पर्यटन बल्कि शॉपिंग के दृष्टि से भी लोगों के लिए एक पसंदीदा अधिक है। यहां पर आप खूबसूरत पर्यटन स्थलों को विजिट करने के साथ ही यात्रा की याद के रूप में खूबसूरत चीजों की शॉपिंग कर सकते हैं। पोर्ट ब्लेयर में सेल से बने बहुत सुंदर ज्वैलर स्मृति चिन्ह लकड़ी के जूते शोपीस बांस की चटाई अंगूठी हार मोती सीप और भी कई सारी चीजें बेची जाती है, जो आपको बहुत सुन्दर लगेगी। यहां पर जो भी तरह की चीजों की खरीदारी करने के लिए कई सारे बाजार उपस्थित है, जिसमें सरकारी एम्पोरियम, अनूप इको आर्ट्स, प्रतीक एम्पोरियम, समुद्र बीच के बाजार, गोलघर, शॉपिंग सेंटर, एबरडीन मार्केट, जंगली घाट, प्रेम नगर और दलेनीपुर प्रमुख है।
पोर्ट ब्लेयर का इतिहास
भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण के अनुसार, मूल रूप से वहां रहने वाले लोग लगभग 40,000 वर्ष पहले उत्तरी अफ्रीका से इस शहर में आए थे। आधुनिक इतिहास के अनुसार, पोर्ट ब्लेयर का गठन बंगाल गवर्नमेंट द्वारा साल 1789 में चाथम द्वीप पर एक दंड उपनिवेश के रूप में किया गया था जो अंडमान के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में स्थित है। ईस्ट इण्डिया इण्डिया कंपनी के लेफ्टिनेंट आर्चीबाल्ड ब्लेयर के नाम पर शहर को ‘पोर्ट ब्लेयर’ नाम दिया गया है।
बाद में, दंड कॉलोनी को अंडमान के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया और एडमिरल विलियम कॉर्नवॉलिस को सम्मानित करने के लिए पोर्ट कॉर्नवॉलिस का नाम बदल दिया गया। लेकिन, बार-बार मौतें और बीमारियाँ होने लगीं, जिसने इसे बंद कर दिया। तुरन्त पूर्व आवश्यकताओं के कारण, ब्रिटिश गवर्नमेंट ने कैदियों के लिए जेलों के तुरन्त निर्माण का आदेश दिया, जो प्रमुख रूप से भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और सियासी चरित्र थे। कारावास का नाम दिया गया सेलुलर कारावास उर्फ काला पानी।
पोर्ट ब्लेयर घूमने का सबसे अच्छा समय
साल में कभी भी पोर्ट ब्लेयर की यात्रा की जा सकती है, हालांकि, घूमने का सबसे अच्छा समय गर्मी और सर्दियों के महीने हैं। पोर्ट ब्लेयर घूमने का ठीक समय अक्टूबर से जून महीने के बीच का है क्योंकि उसके बाद बारिश का मौसम प्रारम्भ हो जाता है तथा बारिश के समय वहां पर अत्यधिक खतरा बना रहता है। इसीलिए आप इन दिनों पोर्ट ब्लेयर सरलता से घूम सकते हैं। अपना भ्रमण कर सकते हैं छुट्टियां बिता सकते हैं।