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जानिए, आखिर राम मंदिर में क्यों लगाई जाती है ये घंटी

सैकड़ों सालों से निर्माणाधीन राम मंदिर लगभग तैयार है, और 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर में ईश्वर राम की प्राण प्रतिष्ठा होनी है भक्त इस आयोजन का बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि यह कार्यक्रम एक प्रतीक है 500 वर्ष लंबा इंतज़ार ऐसे में हर कोई यह जानने के लिए उत्साहित है कि सदियों के प्रतीक्षा के बाद बनने वाले भव्य राम मंदिर में क्या खास विशेषताएं होंगी

राम मंदिर के निर्माण में एक गौरतलब खासियत वह घंटा है जिसे रामेश्वरम से लाकर अयोध्या में स्थापित किया गया है ऐसा माना जाता है कि मंदिर में स्थित ईश्वर की मूर्ति की चेतना को जागृत करने के लिए मंदिर में घंटी लगाई जाती है इस विशेष रूप से तैयार की गई घंटी का उद्देश्य ईश्वर राम को जागृत करना है और इसे इसी उद्देश्य के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है

राम मंदिर को एक अनोखा घंटा उपहार में मिला है इस घंटी की आवाज 10 किलोमीटर तक सुनाई देगी इसकी चौड़ाई 3.9 फीट और लंबाई 4 फीट है इस घंटी की विशेषता यह है कि इसे बजाने पर ”ओम” की ध्वनि उत्पन्न होती है 613 किलोग्राम वजनी इस विशेष घंटे को तमिलनाडु के रामेश्वरम से ऑर्डर किया गया था और 4500 किलोमीटर दूर अयोध्या पहुंचाया गया था

इस घंटी की चर्चा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका एक अलग ही महत्व है घंटे का वजन 613 किलोग्राम है और इस पर ईश्वर राम का नाम अंकित है अष्टधातु से बने इस घंटे को बनाना कोई सरल काम नहीं था, इसमें करीब 400 कर्मचारियों की दिन-रात मेहनत लगी थी भगवान राम के लिए यह विशेष घंटा तमिलनाडु की कानूनी अधिकार परिषद द्वारा प्रस्तुत किया गया है

राम मंदिर में लगे इस घंटे के बारे में कुछ अहम बातें:

इस घंटे को 4500 किलोमीटर की दूरी तय करके तमिलनाडु के रामेश्‍वरम से अयोध्‍या पहुंचाया गया है

राम मंदिर में लगे घंटे की लंबाई 4 फीट और चौड़ाई 3.9 फीट है

राम मंदिर के लिए यह घंटा अष्टधातु से बनाया गया है

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