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जाने घर के मंदिर से जुड़े वास्तु के कुछ खास नियमों के बारे में…

Vastu Tips For Home Temple: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में मंदिर सबसे पवित्र स्थल माना जाता है मंदिर से जुड़े वास्तु के कुछ खास नियमों का ख्याल रखकर हम घर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं घर में ठीक स्थान और दिशा में मंदिर का निर्माण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है घर में सुख-शांति और खुशहाली आती है परिवार से सभी सदस्य खुश और स्वस्थ रहते हैं चलिए घर के मंदिर से जुड़े वास्तु के कुछ खास नियमों के बारे में जानते हैं

मंदिर का वास्तु: घर के मंदिर का निर्माण कराते समय दिशा का खास ध्यान रखें वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मंदिर उत्तर-पूर्व दिशा या ईशान कोण में होना बहुत शुभ माना गया है मान्यता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है

पूजा करते समय दिशा का रखें ध्यान: वास्तु के मुताबिक, सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए पूजा करते समय मुख हमेशा पूर्व की ओर होना चाहिए पश्चिम दिशा की ओर मुख करके पूजा करने से धन में वृद्धि होती है वहीं, मान्यता है कि  दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पूजा नहीं करना चाहिए इससे अशुभ फल मिल सकते हैं

इन जगहों पर ना बनाएं मंदिर: वास्तु के अनुसार, मुख्यद्वार के सामने, शौचालय के पास और सीढ़ियों के नीचे कभी भी मंदिर नहीं बनवाना चाहिए ऐसा करना अशुभ माना जाता है इससे जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है

देवी-देवताओं की मूर्ति: वास्तु के अनुसार, देवी-देवताओं की प्रतिमा को कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए साथ ही किसी भी देवी-देवता की प्रतिमा बहुत बड़ी नहीं होनी चाहिए मंदिर में 7 इंच तक लंबी मूर्ति को मंदिर में स्थापित करना शुभ माना गया है मंदिर में टूटी हुई मूर्ति ना रखें

मंदिर में रखें ये चीजें: घर के मंदिर में मोर पंख, गंगाजल, शालिग्राम, शंख, घंटी, सिल्वर या पीतल की पूजा थाली रखना बहुत शुभ माना गया है मंदिर की नियमित सफाई करें और मंदिर के बर्तनों को भी साफ रखें

 

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