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बच्चों को ज्यादा बेहतर तरीके से समझने के लिए फॉलो करें ये टिप्स

आज के दौर में बच्चों और पैरेंट्स का रिश्ता बहुत आज के दौर में माता पिता और बच्चों का रिश्ता बहुत संगीन हो गया है बच्चे और पेरेंट्स के बीच की दूरियां आज कल बढ़ती जा रही है जिसके नतीजतन बच्चे और पेरेंट्स के बीच गलतफहमियां भी अपनी स्थान बना लेती है आज के बच्चों के साथ बेहतर अंडरस्टैंडिग बनाने के लिए पेरेंट को अधिक एफर्ट करने की आवश्यकता पड़ सकती है आजकल के बच्चों की परेशानियां अलग है और बड़ों की अलग हैं बच्चों का सोशल मीडिया पर अधिक इंवॉलमेंट भी इसका एक बड़ा कारण है आइए जानते हैं अपने बच्चों को अधिक बेहतर ढंग से समझने के लिए कुछ बेहतरीन टिप्स…

हर बच्चा अलग

सबसे पहले यह समझने की आवश्यकता है कि हर बच्चा अलग होता है हर बच्चा अलग चरित्र और स्वभाव को होता है मां-बाप को अपने बच्चे को उसके हिसाब से अपनाने की आवश्यकता है बच्चे को उसके अंदाज के साथ स्वीकार करें उन्हें किसी और की तरह दिखने या काम करने के लिए बोलना या बनने के लिए फोर्स एकदम ना करें अधिकांश पेरेंट अपने बच्चे की यूनिकनेस को इग्नोर कर उसे किसी और की तरह देखना चाहते हैं, ऐसा करना आपके बच्चे को आपसे दूर कर सकता है

आजादी

आपको अपने बच्चे को आजादी देनी होगी आजकल बच्चे आजादी चाहते हैं पेरेंट्स के लिए बच्चों को आजादी देना और उनके लिए सीमा तय करने के बीच संतुलन बनाना सरल नहीं है यदि आप बच्चों को कुछ करने से रोक रहे हैं तो उसका कारण साफ ढंग से बताना बहुत महत्वपूर्ण है बच्चों को ऐसा महसूस न कराएं कि आपकी नजर हमेशा उनपर है

कई तरह के इमोशन

आजकल के बच्चे कई तरह के इंमोशंस से गुजरते हैं आज के बच्चे सोशल मीडिया के ओवर एक्स्पोजर के बीच बड़े हो रहे हैं बच्चों की अपनी परेशानियां होती है आज के बच्चों का जीवन अधिक जटिल है ऐसे में पेरेंट को उनकी भावनाओं को समझने का कोशिश करना चाहिए अपने समय से बार बार तुलना करने से कोई लाभ नहीं होगा उन्हें अपने मन की बातों को शेयर करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए यदि आपका बच्चा आपसे बात नहीं करता है तो आप उससे दूर हो रही हैं

स्ट्रेस

आजकल के बच्चों में भी स्ट्रेस और एंग्जायटी की परेशानी कॉमन है अधिकांश पेरेंट बच्चों में शुरु हो चुकी इन परेशानियों को इग्नोर कर देते हैं बेहतर होगा कि इस बारे में बच्चों से बात करें और आवश्यकता पड़ने पर उनकी सहायता करें आपको समझना होगा कि आपका बच्चा स्ट्रेस हो सकता है

सुनने की आदत

आप अपने आप में बच्चे को सुनने की आदत विकसित करें जब आपका बच्चा बोल रहा हो तो उसे अपना पूरा ध्यान दें, आंख मिला कर बात करें और सहानुभूति दिखाएं इससे उन्हें यह महसूस करने में सहायता मिलती है कि उनकी बात सुनी जाती है और उन्हें महत्व दिया जाता है ऐसे माहौल को बढ़ावा दें जहां आपके बच्चे फैसला के डर के बिना अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने में सहज महसूस करें खुली वार्ता को प्रोत्साहित करें और बच्चे से फ्रेंडली बनें

बच्चे को समझना

अपने बच्चे के दृष्टिकोण को बेहतर ढंग से समझने के लिए स्वयं को उसकी स्थान पर रखें सहानुभूति से माता-पिता-बच्चे का बंधन मजबूत होता है यह परेशानियों को अधिक कारगर ढंग से सुलझाने में सहायता करती है बच्चे की छोटी-बड़ी उपलब्धियों को स्वीकार करें और उनकी प्रशंसा करें यह आत्मसम्मान को बढ़ाता है और उन्हें सकारात्मक विकल्प चुनते रहने के लिए प्रेरित करता है प्रत्येक बच्चे की विशिष्टता को गले लगाएँ और उसका उत्सव मनाएं पर्सनल शक्तियों और रुचियों को पहचानें और उनकी सराहना करें अपने बच्चे को उम्र के अनुरूप फैसला लेने दें यह स्वतंत्रता और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देता है, जो उनके पर्सनल विकास में सहयोग देता है

जागरूक रहें

बाल विकास के बारे में जानकारी रखें आपके बच्चे के सामने आने वाले विभिन्न चरणों और चुनौतियों को समझने से आपको मुनासिब सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करने में सहायता मिलती है अपने बच्चे की औनलाइन गतिविधियों के बारे में सूचित रहें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के संबंध में विश्वास और खुला संचार स्थापित करें उन मूल्यों और व्यवहारों का प्रदर्शन करें जिन्हें आप अपने बच्चे से अपनाना चाहते हैं बच्चे अक्सर उदाहरण से सीखते हैं, इसलिए एक सकारात्मक रोल मॉडल बनना जरूरी है

शौक और रुचि पर ध्यान दें

अपने बच्चे के शौक और रुचियों के प्रति सचेत रहें उनके जुनून के बारे में चर्चा में शामिल होने से पता चलता है कि आप वास्तव में उनके जीवन में रुचि रखते हैं प्रत्येक बच्चा अलग ढंग से संचार करता है कुछ लोग मौखिक रूप से अधिक अभिव्यंजक हो सकते हैं, जबकि अन्य लिखना या चित्र बनाना पसंद करते हैं

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