बिहारलाइफ स्टाइल

EduCare न्यूज: बिहार में 2 साल से नौकरी कर रहे 22 हजार BEd. शिक्षकों की नौकरी पर मंडरा रहा खतरा

बिहार में 2 वर्ष से जॉब कर रहे 22 हजार BEd. शिक्षकों की जॉब पर खतरा मंडरा रहा है दरअसल, बुधवार को पटना उच्च न्यायालय ने प्राइमरी के नियोजित शिक्षकों को अयोग्य कहा है न्यायालय ने बोला है कि केवल D.EL.Ed. डिग्री धारक ही प्राइमरी टीचर बन सकते हैंसाथ ही भर्ती को नए सिरे से करने का निर्देश भी दिया है इससे पहले गवर्नमेंट ने D.EL.Ed. डिग्री धारकों को प्राइमरी शिक्षक भर्ती में प्रायोरिटी देने की बात कही थी

सरकार अब तक नहीं करा पाई ब्रिज कोर्स

साल 2022 में 22 हजार B.Ed. शिक्षकों को 1 से 5वीं क्लास के शिक्षक के तौर पर बहाल किया गया था साथ ही गवर्नमेंट को निर्देश दिया था कि इन सभी शिक्षकों को एक ब्रिज कोर्स कराना है लेकिन अभी तक गवर्नमेंट ये ब्रिज कोर्स नहीं करा सकी है गवर्नमेंट ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन यानी NCTE की 2018 में आई नोटीफिकेशन का हवाला देते हुए बोला था कि 1 से 5वीं क्लास के शिक्षक के लिए BEd. कर चुके कैंडिडेट्स को भी सिलेक्ट किया जा सकता है जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है

नियुक्त हो चुके शिक्षकों को जॉब से निकालना दुर्भाग्यपूर्ण

बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव का बोलना है कि उच्च न्यायालय का यह निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है दीपांकर ने आगे बोला कि गवर्नमेंट के ही नोटीफिकेशन के मुताबिक लोगों ने BEd किया था सरकारी के ही नोटीफिकेशन को ध्यान में रखकर कैंडिडेट्स ने जॉब के लिए अप्लाय किया था ऐसे में आज जब शिक्षकों की जॉब जाने की बात हो रही है तो गवर्नमेंट मौन क्यों है आज 22 हजार शिक्षक जो बच्चों को पढ़ा रहे थे, उच्च न्यायालय के एक निर्णय की वजह से आज उनके लिए सड़क पर आने की नौबत आ चुकी है बिहार गवर्नमेंट ने न तो उच्च न्यायालय और न ही उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष ठीक ढंग से रखा जिसका खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है दिपांकर ने बोला कि वो लोग चुप नहीं बैठेंगे और सुप्रीम कोर्ट में निर्णय के विरुद्ध अपील करेंगे

 

Related Articles

Back to top button