साल की पहली अमावस्या 11 जनवरी को, करना ना भूलें ये खास उपाय
हिंदू धर्म में पौष अमावस्या को विशेष महत्व दिया गया है। पौष मास की अमावस्या फलदायी माना गया है। ये अमावस्या जनवरी में आती है। इस बार पौष अमावस्या 11 जनवरी को है।
साल 2024 की पहली अमावस्या 11 जनवरी
साल 2024 की पहली अमावस्या 11 जनवरी दिन गुरूवार को है। पौष अमावस्या के दिन गंगा स्नान, पितृ तर्पण, श्राद्ध कर्म, उपाय, दान पुण्य करने से नाराज पितरों को प्रसन्न करने के अतिरिक्त काल सर्प गुनाह भी दूर करने के लिए विशेष तिथि है, ऐसे में जानते है कि 11 जनवरी को पड़ने वाली पौष महीने की अमावस्या पर स्नान,दान, मुहूर्त और खास तरीका क्या क्या है।
पितरों को मिलती है मोक्ष की प्राप्ति
11 जनवरी पौष अमावस्या के दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों और आसपास के सरोवर ,तालाब, कुंए पर जानकर आस्था की डुबकी लगाएं। यह बहुत ही खास दिन है, क्योंकि पितर इस दिन धरती पर आते हैं। स्नान करने के बाद पूजा, जप, तप और दान आदि किया जाता है।
इस दिन प्रवाहित जलधारा में तिलांजलि करना पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन तर्पण और पिंडदान आदि करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। अमावस्या के दिन दान का भी विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि अमावस्या के दिन दान करने से आदमी को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है।
पौष अमावस्या मुहूर्त (Paush Amavasya Muhurat)
पौष अमावस्या तिथि प्रारंभ – 10 जनवरी रात 08:10 मिनट पर
पौष अमावस्या तिथि समापन- 11 जनवरी 05:26 मिनट संध्या
स्नान-दान मुहूर्त- सुबह 05:57 – सुबह 06:21मिनट
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:08 – दोपहर 12:50 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:40 – शाम 06:07 मिनट
पौष अमावस्या के दिन करें ये विशेष उपाय
पौष अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर जल में काले तिल, चीनी, पुष्प मिलाकर अर्पित करें। इससे आपके उपर पितरों का आशीर्वाद मिलेगा।
काल सर्प गुनाह से मुक्ति के लिए इस दिन चांदी के नाग-नागिन बनाकर शंकर ईश्वर की पूजा करें। इसके बाद इस नाग -नागिन के जोड़े को नदी में प्रवाहित कर दें। इससे आपकी कुंडली से काल सर्प गुनाह दूर हो जाएगा।
पौष अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को घर बुलाकर भोजन कराएं। इसके बाद दान- दक्षिणा देकर विदा करें। ऐसा करने से आपके पितर प्रसन्न होंगे।
पौष अमावस्या के दिन पूजा पाठ ब्राह्मणों को भोजन कराने से पहले गाय को भींगी हुई चने की दाल के साथ गुड़ मिलाकर खिला दें। ये छोटी सी चीज का तरीका आपके जन्म-जन्मों के पितृदोष दूर होगें।