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25 की उम्र से हर महिला को करना जरूरी रिटायरमेंट प्लान, यहाँ पढ़ें क्यों…

कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप शादीशुदा हैं या सिंगल, रिटायरमेंट प्लानिंग (अकेले या जॉइन्ट) आपको जितना शीघ्र हो सके प्रारम्भ कर लेनी चाहिए यह बोलना है निवेश और टैक्स मामलों के जानकार बलवंत जैन का आदमी हो या महिला रिटायरमेंट के बाद सुरक्षित जीवन की आवश्यकता हर किसी को है सेवानिवृत्ति को लेकर योजना बनाना और इस दिशा में काम करना स्त्रियों की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक होना चाहिए चाहे विवाहित हों या अविवाहित, रिटारमेंट प्लानिंग और सेविंग्स आपको आजादी और स्वयं की देखभाल करने में सहायता ही करेगी ऐसे पांच कारण हम आपको बताने जा रहे हैं जिन्हें जानने के बाद आप इस दिशा में जरूर आगे बढ़ना चाहेंगी:

1- बलवंत जैन कहते हैं कि मेल हो या फीमेल रिटायरमेंट प्लानिंग बहुत महत्वपूर्ण है यह एक ऐसी कंडिशन है जो आपके जीवन में आनी ही है एक बार रिटायर हो गए तो इनकम का जरिया आपके पास कुछ होगा नहीं और शारीरिक और मानसिक रूप से ढलती उम्र के साथ काम कर पाना आपके और आपके पति या पार्टनर के लिए भी कठिन होगा

2- पहली सैलरी यानी पहली जॉब के शुरुआती सालों में रिटायरमेंट के लिए कोरपस जमा करना और निवेश करना सबसे ठीक समय है लॉ ऑफ कंपाउंडिग से लाभ लें और जल्द से जल्द प्रारम्भ करते हुए कोरपेस बनाएं जैन कहते हैं कि पहली सैलरी से ही इस मामले में प्लानिंग और सेविंग प्रारम्भ कर दें आमतौर पर 60-65-58 वर्ष की उम्र तक नौकरीशुदा रिटायर हो जाते हैं

3- एक समय था जब पहले लोग 18 -20 वर्ष की उम्र में जॉब जॉइन कर लेते थे अब पहली जॉब ही 25 वर्ष की उम्र में जॉइन करते है तो रिटायरमेंट की प्लानिंग के लिए अपेक्षाकृत कम वर्ष हैं इसलिए, जितना शीघ्र हो सके उतना शीघ्र प्लानिंग, सेविंग, निवेश करें इसके लिए किसी निवेश सलाहकार की सहायता लेना लाभ वाला रहेगा जो आपके तय टारगेट की दिशा में निवेश के विकल्प बताए वहीं जैन बताते हैं कि नौकीर से लेकर रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग में 35 वर्ष जैसा लंबा समय है तो इक्विटीज म्यूचुअल फंड में पैसा लगाकर कोरपेस बनाएं

 

4- स्त्रियों की लाइफ एक्सपेंक्टेंसी मर्दों के मुकाबले अधिक हो गई है मगर, पैसा कमाने और पैसा बचाने का पीरियड कम हो गया या कमोबेश एक जैसा है ऐसे में लंबे समय तक जीने के लिए रिटायरमेंट के बाद भी महत्वपूर्ण सुविधाओं की जरूरत बनी रहेगी रिटायरमेंट के बाद जब एक जन भी काम नहीं कर पा रहा होगा तब आय के साधन न होने पर जीवनयापन करना और मेडिकल समेत अन्य खर्चों को संभाल पाना बिना रिटायरमेंट प्लानिंग के कठिन होगा इसलिए जॉइंट प्लानिंग करनी होगी

5- पुराने दौर में आदमी रिटायरमेंट के बाद भी जॉइंट फैमिली में रहता था और उम्र कट जाती थी मेडिकल से लेकर अन्य जरूरतों और सुविधाओं के लिए वह बड़े कुंटुब पर निर्भर था और काम चल जाता था, लेकिन न्यूक्लियर फैमिली के कारण यह बेनिफिट जाता रहा है कई बार बच्चे भी जॉब या पढ़ाई के लिए विदेश सेटल हो जाते हैं या फिर दूसरे शहर में रहने लगते हैं पीछे मां बाप अकेले रह जाएं, ऐसी संभावना बनी रहती है

6- जैन कहते हैं कि स्त्रियों की फिजिकल स्ट्रेंथ मर्दों के मुकाबले, आम धारणा के तहत, कम होती है विवाह न करने वाली महिलाएं और तलाक लेकर अकेले रहने वाली स्त्रियों की संख्या पिछले कुछ वर्ष में बढ़ी है ऐसे में समय के साथ समय की तैयारी करने में बुराई नहीं है समय से सेविंग करनी चाहिए और रिटायरमेंट प्लानिंग करनी चाहिए

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