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रिलेशनशिप टिप्स: शादी के बाद पति-पत्नी हमेशा याद रखें ये 5 बातें, रिश्ता होगा मजबूत

रिलेशनशिप टिप्स: अक्सर जब लोग वर्षों तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद विवाह करते हैं, तो उनके संबंध में वैसी चमक नहीं रहती, जैसी विवाह से पहले रहती थी. अक्सर विवाह के 6 महीने के अंदर ही दंपती के लिए सब कुछ बोरिंग हो जाता है.

अगर आप भी अपनी शादीशुदा जीवन से नाखुश हैं या आपको लगता है कि जीवन बहुत बोरिंग हो गई है और प्यार कम होने लगा है तो इस रिपोर्ट में कुछ टिप्स दिए गए हैं जिन पर विचार करके आप अपने संबंध में प्यार और चमक बरकरार रख सकते हैं. रख सकते हो प्रारंभिक हालत में होता है.

दांपत्य जीवन में कैसा रहेगा प्यार?

असहमत हों लेकिन लड़ें नहीं – ऐसी कई बातें होंगी जिन पर आप दोनों असहमत होंगे. आसार यह है कि आप एक चीज़ चाहते हैं और आपका साथी कुछ अलग चाहता है. ऐसे में एक-दूसरे से असहमत हों लेकिन इसे लड़ाई का मामला न बनाएं.

बात करना बंद न करें- अक्सर जीवनशैली इतनी व्यस्त हो जाती है कि आदमी को अपने लिए भी समय नहीं मिल पाता है. कई महीनों तक जीवन घर से कार्यालय और कार्यालय से घर बदलती रहती है, लेकिन आप चाहे कितने भी व्यस्त क्यों न हों, अपने और अपने पार्टनर के बीच वार्ता कम न करें. यह सुनिश्चित करने का कोशिश करें कि आप दोनों के पास बात करने के लिए हमेशा कुछ न कुछ हो. आप स्वयं कभी-कभी अपनी नींद छोड़कर अपने पार्टनर को समय दे सकते हैं, हो सकता है आपका पार्टनर भी ऐसा ही करने लगे.

बाहर जाना बंद न करें- कई बार विवाह के बाद आपसी नजदीकियां इतनी बढ़ जाती हैं कि दंपती डेट पर जाने की बजाय हमेशा घर पर ही रहना पसंद करते हैं, लेकिन आप दोनों के बीच स्पार्क बनाए रखने के लिए बाहर जाना महत्वपूर्ण है. शादी में जीवित एक-दूसरे के लिए तैयार रहना, सुंदर और उत्साहित महसूस करना जरूरी है.

अपना सामाजिक जीवन समाप्त न करें- अक्सर दंपती विवाह के बाद अपना सामाजिक जीवन पूरी तरह से समाप्त कर देते हैं. वे अपनी फोटोज़ पोस्ट नहीं करना चाहते या उन्हें दूसरे दोस्तों से मिलना पसंद नहीं है, लेकिन ऐसा करने से आदमी अपने संबंध में बोरियत महसूस करने लगता है और उसे जीवन में कोई दिलचस्पी नजर नहीं आती और उसे किसी भी चीज में मजा नहीं आता

यदि आपके भिन्न-भिन्न दोस्त हैं, तो जब आप उनके साथ समय बिताकर घर लौटते हैं, तो आपके पास अपने साथी के साथ साझा करने के लिए बहुत सी बातें होती हैं और इस दौरान आप दोनों एक-दूसरे को याद करते हैं, और अनुपस्थिति को खलने लगते हैं.

माफी मांगने में शर्माएं नहीं – माफी मांगने का मतलब केवल माफी मांगना नहीं है, बल्कि अपनी गलती का एहसास भी है. यदि आपको लगता है कि यह आपकी गलती है तो आपको माफी मांगनी चाहिए. यदि आप दंपती हैं, तो देर-सबेर आपको फिर से संवाद करना होगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप गलतियाँ करते रहें और माफी न माँगें. क्योंकि यही मतभेद भविष्य में बड़े झगड़े का कारण बनते हैं.

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