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महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व, रात में करें यह तप

सनातन धर्म में शिवरात्रि का विशेष महत्व है ईश्वर शिव की पूजा के लिए शिवरात्रि का पर्व उत्तम माना गया है यह पर्व यह हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है इस बार यह पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा के साथ शिव की आराधना करते हैं पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन ईश्वर शिव ने कैलाश पर्वत पर माता पार्वती से शादी किया था महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व होता है

रात का प्रयोग ध्यान, तप और शिव साधना में करें
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन रात भर जागकर शिव और उनकी शक्ति माता पार्वती की आराधना करने से भक्तों पर शिव और मां पार्वती की विशेष कृपा होती है महाशिवरात्रि का रात्रि जागरण से जीवन के अनेक कष्ट दूर हो जाते हैं इसलिए महाशिवरात्रि की रात सोना नहीं चाहिए इस रात में आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं

इसलिए शास्त्रों में बोला गया है कि इस रात का प्रयोग ध्यान, तप और शिव साधना में करना चाहिए महाशिवरात्रि में शिव साधना करने से जीवन में सभी प्रकार के तनाव समाप्त होते हैं और सकारात्मक प्रमाण दिखने लगते हैं

महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण का विशेष महत्व
गया मंत्रालय वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य बताते हैं कि महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण का विशेष महत्व पौराणिक परंपरा में है रात्रि अंधकार का प्रतीक है यदि हमें शिवत्व को प्राप्त करना है तो हमारे अंदर जो अंधकार रूपी काम, क्रोध, मद, लोभ और मोह हैं, उन्हें समाप्त करना होगा हमें अंधविश्वास, पाखंड, बुराइयों और कुप्रवृतियों के प्रति सचेत रहना होगा इस रात जागरण करते हुए पंचाक्षर मंत्र ऊं नम: शिवाय अथवा ईश्वर शिव से संबंधित श्लोक का जप कर भक्ति में लीन रहना चाहिए

इस संकल्प को लेकर मनाएं महाशिवरात्रि
जीवन को शिवत्व से पूर्ण करने के लिए हमें शिव संकल्प लेने ही होंगे इस संकल्प को लेकर जब महाशिवरात्रि मनाएंगे तो कभी जीवन में हिंसा, प्रतिहिंसा, क्रोध, घृणा, स्वार्थ, विश्वासघात, कठोरता और दुर्मति का समावेश नहीं होगा शिव हमारे मन, प्राण और आत्मा की शक्ति, साधन और आधार बनें, इस तरह के संकल्प के साथ स्वयं को जाग्रत बनाए रखें शिव संकल्प हमारी प्रकृति और जीवन-धर्म को ऊर्जा और प्रेरणा दे, ऐसी सोच के साथ महाशिवरात्रि का पर्व मनाना चाहिए

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