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भारत के नहीं हैं ये लजीज पकवान, इन देशों में हुआ था इनका निर्माण

भारत में कई ऐसे रेसिपी मिलते हैं, जिनका स्वाद राष्ट्र ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. कुछ ऐसे रेसिपी हैं जो लगभग हर राज्य में पाए जाते हैं. समोसा, कचौरी, पोहा या जलेबी लगभग हर स्थान क्षेत्रीय निवासियों और पर्यटकों द्वारा स्नैक्स के रूप में पसंद किए जाते हैं. हम आपको हिंदुस्तान के उन पांच व्यंजनों का इतिहास बताते हैं जो हमारे राष्ट्र के मूल निवासी नहीं हैं लेकिन दूसरे राष्ट्रों से अपनाए गए हैं.

कई लोगों को लगता है कि समोसा हिंदुस्तान की डिश है और जलेबी के बारे में भी लोग ऐसा ही सोचते हैं इसे स्वीकार क्यों नहीं करते क्योंकि ये चीजें हमारी दिनचर्या में इस कदर समाहित हो गई हैं कि इसे विदेशी नहीं बताया जा सकता. लेकिन समोसा और जलेबी सहित 5 रेसिपी ऐसे हैं जो हमारे राष्ट्र में उत्पन्न नहीं हुए.

समोसा

ज्यादातर लोगों को लगता है कि समोसा एक भारतीय डिश है. ऐसा सोचना स्वाभाविक है क्योंकि इसका अनोखा स्वाद हर शहर में मौजूद है. आपको बता दें कि समोसा का कॉन्सेप्ट सबसे पहले ईरान में प्रारम्भ हुआ था और इसे यहीं बनाया गया था. इसमें आलू, मटर, अदरक, पनीर, लहसुन, टमाटर, प्याज और मिर्च की स्थान कीमा बनाया हुआ मांस या मेवा तैयार किया जाता था. समय के साथ चीजें बदलीं और यह हिंदुस्तान का एक मशहूर रेसिपी बन गया.

जलेबी
जलेबी हमारे राष्ट्र की इतनी टेस्टी डिश है कि इसे कई और व्यंजनों के साथ खासतौर पर खाया जाता है जलेबियों के साथ फाफड़ा एक महत्वपूर्ण डिश है बंगाल और असम जैसी जगहों पर इसे जिलपी और जलेपी के नाम से जाना जाता है. जलेबी का उत्पादन सबसे पहले पश्चिम एशिया में हुआ था. ऐतिहासिक पुस्तक पुस्तक अल तबीक में जलाबिया नामक मिठाई का उल्लेख है, जो पश्चिमी एशिया में उत्पन्न हुई थी. यह हिंदुस्तानियों की पसंदीदा मिठाइयों में से एक है.

फलियाँ
राजमा चावल उत्तर हिंदुस्तान में सबसे अधिक खाया जाता है. यह रेसिपी हिंदुस्तान का मूल नहीं है, लेकिन सबसे पहले मेक्सिको में उत्पन्न हुआ था. इसके बाद वह हिंदुस्तान पहुंचे. जानकारी के अनुसार पुर्तगाली खोजकर्ता इस डिश को लेकर उत्तरी अमेरिका से यूरोप पहुंचे थे. इसके बाद यह उपनिवेशवादियों के जरिए हिंदुस्तान पहुंचा और यहां के व्यंजनों में शामिल किया गया.

चाय

इस लिस्ट में चाय का नाम सबको दंग कर सकता है. क्योंकि चाय हमारे राष्ट्र की एक ऐसी चीज है जो हर भारतीय को बहुत पसंद होती है. यहां के कई लोग चाय के दीवाने के तौर पर जाने जाते हैं. यदि कोई कहता है कि चाय की उत्पत्ति हिंदुस्तान में हुई, तो यह पूरी तरह गलत है. आपको बता दें कि चाय की उत्पत्ति सबसे पहले चीन में हुई थी. इसके पीछे भी एक छोटी सी कहानी है. जानकारी के मुताबिक चीनी शासक शेन नुंग बगीचे में बैठकर गर्म पानी पी रहे थे तभी एक पत्ता गिर गया. पत्ते गिरते ही पानी का रंग बदल गया और महक आने लगी, तब चाय का जन्म हुआ.

बिरयानी
हमारे राष्ट्र में कई बिरयानी प्रेमी मिल जाएंगे. यह डिश घर पर बनाने के अतिरिक्त स्विगी और जोमैटो जैसी फूड डिलीवरी साइट्स पर भी काफी लोकप्रिय है. आपको जानकर आश्चर्य होगी लेकिन बिरयानी भारतीय रेसिपी नहीं है.

हरियाणा की उत्पत्ति कहां से हुई इस बारे में कोई परफेक्ट जानकारी नहीं है लेकिन बोला जाता है कि मुगलों ने हिंदुस्तान के निवासियों के लिए बिरयानी पेश की. बिरयानी ने धीरे-धीरे मुगल रसोइयों के बीच पहचान हासिल की और एक समय पर यह सेना का टेस्टी रेसिपी बन गया. हिंदुस्तान के अतिरिक्त कहीं और से अपनाए गए इन खास व्यंजनों की सूची निश्चित रूप से आश्चर्यजनक है. लेकिन यह वास्तव में एक भारतीय रेसिपी नहीं है, बल्कि अब राष्ट्र में मजबूती से अपनी जड़ें जमा चुका है. यह फूड हिस्ट्री आपको आपके मशहूर व्यंजनों के बारे में नयी जानकारी देगी.

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